रेलवे का झूठा दावा, बीमार यात्रियों के लिए जारी हेल्पलाइन नं. का कोई महत्व नहीं

Update: 2017-04-07 00:00 GMT

ग्वालियर| यात्रियों की सुविधा के लिए जारी किए गए रेलवे के हेल्पलाइन नंबर ही असुविधा का कारण बन रहे हैं। कोचों में सफाई, खाना व बिजली आदि की शिकायतों के लिए जारी 138 हेल्पलाइन नंबर को रेलवे ने अब यात्रा के दौरान बीमार होने वाले यात्रियों की समस्या का निराकरण करने के लिए जारी किया है। लेकिन इस नंबर से भी बीमार यात्रियों की मदद नहीं हो पा रही है। इसे देखने के लिए गुरूवार को इस नंबर पर स्वदेश ने कई बार फोन किया, लेकिन एक बार भी यह रिसीव नहीं हुआ। ऐसे में अगर यात्री बीमार हो तो उसे कैसे मदद मिलेगी। वहीं अन्य सुविधाओं के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी कोई महत्व नहीं मिल रहा है।

रेलवे हेल्पलाइन नंबर 138 पहले भी जारी कर चुका है। तब यह नंबर कोचों में साफ-सफाई, बेडरोल, खराब खाना, कोचों में पानी नहीं होना, बिजली या एसी की समस्या, स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार, ओवर चार्जिंग आदि शिकायतों के निराकरण के लिए जारी किया गया था। रेलवे ने जगह-जगह इसके पोस्टर भी लगाए थे। लेकिन अब इस नंबर को यात्रा के दौरान तबीयत खराब होने के लिए जारी किया गया है। गुरूवार को इस नंबर पर कई बार फोन लगाया गया, लेकिन यह रिसीव नहीं हुआ। अगर रिसीव होता है तो वहां से कोई जबाव नहीं आता है।

139 पर भी समस्या:- रेलवे के पास ट्रेनों के आवागमन की जानकारी सही नहीं मिलना बड़ी समस्या है। रेल अधिकारी कभी सर्वर को दोष देते हैं तो कभी विभिन्न रेलवे जोन के कंट्रोल रूम से ट्रेनों की जानकारी फीड नहीं होने के दावे करते हैं। कुल मिलाकर इंक्वायरी सिस्टम पर भरोसा करना घातक साबित हो रहा है। यहां तक कि यात्री द्वारा जब 139 पर फोन लगाया जाता है तो वहां से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिलती है। कभी सुविधा उपलब्ध नहीं होना बताया जाता तो कभी कवरेज क्षेत्र से बाहर।

महिला सुरक्षा के लिए जारी नंबर पर भी कोई तवज्जो नहीं
इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे ने 182 नंबर जारी किया है। इस नंबर पर भी गुरूवार को कई बार फोन लगाया गया, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला। आईआरसीटीसी और रेलवे के हेल्पलाइन नंबर लगातार व्यस्त आते हैं। इन नंबरों पर शिकायत बड़ी मुश्किल से होती है। यदि फोन लग जाए और रिसीव हो जाए तो इतने दस्तावेज मांगे जाते हैं कि यात्री परेशान हो जाता है और शिकायत ही दर्ज नहीं कराता।  

आईआरसीटीसी के नम्बरों का भी यही हाल
रेलवे की ओर से जारी हेल्प लाइन नंबर नहीं बल्कि आईआरसीटीसी द्वारा फूड और दूसरी शिकायतों के लिए दिए गए नंबरों को भी यही हाल है। ये नंबर दिखावे के लिए जारी किए जाते हैं। काम पड़ने पर इनसे कोई मदद नहीं मिलती है। यही वजह है कि ट्रेनों में चोरी, लूट और अन्य आपराधिक वारदात बढ़ती जा रही है। इसका लोगों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है।

इनका कहना है
तकनीकी कारणों से यह समस्या है, जिसे शीघ्र दूर करने का प्रयास किया जा रहा है ।

मनोज कुमार सिंह
जनसंपर्क अधिकारी
 झांसी मंडल

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