नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर चल रहे विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इसे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को इसमें सुधार की मांग करते हुए कहा कि संवैधानिक कानून सबसे ऊपर है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश संवैधानिक कानून द्वारा चलाया जाता है। संविधान सभी नागरिक को सुरक्षा प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि तीन तलाक का मुद्दा सुधार से जुड़ा है और इसमें समय-समय पर सुधार किया जाना चाहिए।
नकवी ने तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि मामले को धर्म के दृष्टिकरण से नहीं, बल्कि सुधार की नजर से देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन तलाक का मुद्दा सांप्रदायिकता का मामला नहीं है| इसे धर्म के दृष्टिकोण से नहीं बल्कि सुधार की नजर से देखा जाना चाहिए। जो लोग इसे सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि समाज के लिए सुधार आवश्यक है।
बताते चलें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीते कल तीन तलाक के प्रति दृढ़ता से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं सहित किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का 'निजी कानून' के नाम पर उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। अदालत ने आगे कहा कि लिंग के आधार पर बुनियादी और मानव अधिकारों का शोषण नहीं किया जा सकता।