निर्भया मामले में न्यायालय के निर्णय का नारी जगत ने किया स्वागत
बताया भविष्य में मिलेंगे दूरगामी परिणाम
आगरा। पूरे देश को झकझोर देने वाले नई दिल्ली के निर्भया गैंगरेप केस में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए निर्भया कांड को सदमे की सुनामी बताया। कोर्ट का फैसला आते ही कोर्ट रूम तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। बताते चलें कि 16 दिसंबर 2012 की रात एक चलती बस में पांच बालिग और एक नाबालिग दरिंदे ने 23 साल की निर्भया के साथ हैवानियत का जो खेल खेला, उसे जानकर हर देशवासी का कलेजा कांप उठा। वह युवती पैरामेडिकल की छात्रा थी। बाद में चारों दोषियों ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने द्वारा चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखने की खबर का आगरा की महिलाओं ने स्वागत कर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केवल निर्भया ही नहीं अपितु पूरे भारत की महिलाओं के सम्मान की रक्षा के मार्ग को प्रशस्त किया है। इस आदेश से महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के प्रति भविष्य में दूरगामी परिणाम अवश्य दिखेंगे।
पायल सिंह चौहान
वरिष्ठ भाजपा नेत्री
व सामाजिक कार्यकर्ता।
बहुत ही अच्छा निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिला है। इस निर्णय से बहिनों के आत्मसम्मान की रक्षा हुई है। महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर इस निर्णय के बाद कमीं देखने का मिलेगी। स्वागत योग्य कदम है।
रश्मि सिंह धाकड़, ब्रजक्षेत्र संयोजिका, भाजपा।
शीर्ष अदालत के इस फैसले से देश की बेटी को न्याय मिला है। लेकिन बेटी को खोने का मलाल सब दिन रहेगा।
अर्पणा सिंह, महानगर महामंत्री, भाजपा।
इस निर्णय के बाद महिलाएं अपने को सुरक्षित अनुभव करेंगी। अपराधों पर अंकुश लगेगा और आज मैं मानती हूं कि कानून में देर हैं, लेकिन अंधेर नहीं
लीना पुरी,
सामाजिक कार्यकर्ता।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय है, इस निर्णय से इस प्रकार की मानसिकता रखने वाले लोगों को सबक मिलेगा व इस प्रकार की घटना को आगे से करने के बार में सोचेंगे भी नहीं।
गीता सिंह, महासचिव
शहर कांग्रेस कमेंटी।