उपचार नहीं और दवा भी नहीं, मरीज परेशान

Update: 2017-06-14 00:00 GMT

अस्पताल बीमार, कैसे हो मरीजों का उपचार

ग्वालियर, न.सं.। शासन द्वारा शासकीय अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए भले ही पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा हो, लेकिन हकीकत तो यह है कि इन दिनों अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण अस्पताल खुद ही बीमार है, स्थिति इतनी दयनीय है कि उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को न तो उपचार मिल रहा है और न ही दवा। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मुरार स्थित जिला अस्पताल में विगत 11 दिनों से डायलेसिस की मशीन खराब पड़ी हुई है, साथ ही कैंसर के मरीज दवाओं के अभाव में बिना दवा के ही वापस लौट रहे हैं, इतना ही नहीं स्थिति इतनी गम्भीर है कि गरीबी रेखा व दीनदयाल कार्ड धारक मरीजों को भी डायलेसिस व दवा के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार मुरार स्थित जिला अस्पताल में विगत 13 दिनों से डायलेसिस की मशीन खराब पड़ी हुई है, मशीन खराब हो जाने के कारण डायलेसिस के लिए पहुंच रहे मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है। जबकि जिन मरीजों की दोनों किडनी खराब होती हैं, उन्हें सप्ताह मे एक या दो बार डायलिसिस करानी पड़ती है, लेकिन जिला अस्पताल में बंद पड़ी मशीन के कारण मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों में डायलिसिस करानी पड़ रही है। दीनदयाल नगर निवासी जयसिंह तोमर ने बताया कि उनके 62 वर्षीय भाई लाखन सिंह की किडनी खराब है, अगर उनकी डायलिसिस नहीं होती है तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए अब बाहर निजी अस्पताल में ही अपने भाई की डायलिसिस करानी पड़ रही है।

पांच माह से नहीं मिल रही कैंसर रोगियों को दवा

जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं यहीं नहीं थमती ,अस्पताल में पहुंच रहे लीवर कैंसर के रोगियों को विगत पांच माह से दवा तक नहीं मिल रही है। लीवर कैंसर के रोगियों को कैप्सीटाविन दवा दी जाती है, लेकिन विगत पांच माह से कैप्सीटाविन दवा अस्पताल में नहीं है। जिस कारण लीवर कैंसर के मरीजों को बिना दवा के ही वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं एड्स के मरीजों को भी बिना दवा के ही वापस लौटाया जा रहा है, जबकि एड्स जैसी संक्रमण बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि कैंसर की सारी दवाएं शिवपुरी से मंगाई जाती हैं, जिससे कई परेशानी भी सामने आती हंै। जिसके चलते स्वास्थ्य अधिकारियों ने कैंसर की दवा का केन्द्र ग्वालियर में बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन आज दिन तक दवा केन्द्र ग्वालियर में नहीं बन पाया।

30 मरीजों की लगी वेटिंग

डायलिसिस मशीन खराब हो जाने के कारण अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों को वेटिंग दी जा रही है। इसी के चलते आज दिन तक लगभग 30 मरीजों के नम्बर लग चुके हैं, इसमें से कई मरीज ऐसे भी हंै जिन्हें डायलिसिस की ज्यादा जरूरत है उन्हें बाहर ही भेजा जा रहा है।

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