ग्वालियर। मध्यप्रदेश में लगभग 38 जिला सहकारी बैंक हैं जिसमें से मध्यप्रदेश की 12 बैंकों में अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं जबकि शेष बैंकों में चुनाव हो चुके हैं। इन्हीं 12 बैंकों में से डीडवाना ओली स्थित जिला सहकारी बैंक संचालित हो रही है जिसमें चुनाव नहीं होने के कारण पदाधिकारियों की कुर्सी अब तक खाली पड़ी हुई है। बैंक में पदाधिकारियों के नहीं होने के कारण किसानों आदि को दी गई ऋण आदि की वसूली भी नहीं हो पा रही है। सहकारी बैंक वह बैंक हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप सहकारिता के आधार पर होता है। विश्व के अधिकांश भागों में सहकारी बैंक हैं जो लोगों की पूँजी जमा करते हैं तथा लोगों को धन उधार देते हैं। इन बैंकोें द्वारा किसानों आदि को बीज और खाद के लिए भी ऋण दिया जाता है लेकिन इन बैंकों में विगत चार वर्षों से चुनाव के माध्यम से पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने के कारण किसानों आदि को दिए ऋण आदि की वसूली नहीं हो पा रही है। वहीं कई लोगों को ऋण आदि भी नहीं मिल पा रहे हैं।
राजनैतिक दबाव के कारण नहीं हो रहे हैं चुनाव
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजनैतिक दवाब के चलते इन 12 स्थानों पर सहकारिता बैंक के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार इन बैंकों में अपने-अपने लोगों को किसी न किसी तरह से लाना चाहती है और सरकार मौके का इंतजार कर रही है कि किस तरह से वहां पर अपने व्यक्ति को बैठया जाए। सूत्रों का कहना है कि सरकार के इसी रवैए के कारण इन बैंकों के चुनाव को बार-बार टाला जा रहा है।
यह काम हो रहे हैं प्रभावित
इन बैंकों के माध्यम से लोगों को उपभोक्ता ऋण, आवास ऋण, किसान ऋण एवं पर्सनल ऋण आदि दिए जाते हैं लेकिन पदाधिकारियों के नहीं होने से इन ऋणों आदि की वसूली नहीं हो पा रही है जिससे इन बैंकों की आय प्रभावित हो रही है।
ऋण वसूली नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए - पूर्व मंत्री यादव ने अधिकारियों को लिखे पत्र
केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित ग्वालियर की दिन-प्रतिदिन खराब होती आर्थिक स्थिति एवं ऋण वसूली में सुधार, कृषकों को हो रही परेशानी को देखते हुए संभागायुक्त और जिलाधीश द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन सात माह बाद भी नहीं करने वाले दोषी सहकारिता, राजस्व विभाग के अधिकारियों और एपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक पर कार्रवाई की मांग को लेकर पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव ने संभागायुक्त, जिलाधीश एवं बैंक प्रशासक को पत्र लिखा है।
श्री यादव ने कहा है कि ग्वालियर जिला सहकारी बैंक में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए उन्होंने 23 जुलाई 2016 को संभागायुक्त को दिए गए सुझावों पर तत्कालीन जिलाधीश संजय गोयल ने 30 दिसम्बर 2016 को प्रबंध संचालक एपेक्स बैंक भोपाल तथा उपायुक्त सहकारिता को बैंक के कालातीत ऋणि हितग्राहियों से ऋण वसूली हेतु सहकारिता विभाग एवं एपेक्स से दो-दो अधिकारियों की ड्यूटी बैंक की कृषि/अकृषि ऋण की वसूली की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों में जिलाधीश ने प्रति सप्ताह उन्हें अवगत कराते हुए वसूली में लापरवाही बरतने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु नस्ती प्रस्तुत करने की बात कही थी।
कृषि/अकृषि के पुराने ऋणों के बकायादारों से सहकारी ऋण वसूली प्रोत्साहन योजना (क्रिस) के तहत प्रभावी कार्रवाई करने तथा पालन प्रतिवेदन शीघ्र भेजने के निर्देश जिले के समस्त तहसीलदारों व अपर तहसीलदारों को दिए गए थे। जिलाधीश के इन निर्देशों का पालन सात माह बाद भी तीनों ही विभागों ने नहीं किया है।
पूर्व मंत्री श्री यादव ने संभागायुक्त एवं जिलाधीश से आग्रह किया है कि वे पुन: कृषकों के हित में सख्ती से वसूली करवाने तथा जिलाधीश द्वारा सात माह पूर्व दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने वाले जिले के उपायुक्त सहकारिता एवं राजस्व अधिकारियों तथा एपेक्स बैंक के अधिकारियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करें। जिससे बैंक की गिरती साख को बचाया जा सके।
इनका कहना है
‘पिछले चार वर्षों से इन बैंकों के चुनाव नहीं हुए हैं। जिस वजह से ऋण आदि की वसूली नहीं हो पा रही है। चुनाव कब होंगे फिलहाल इसकी जानकारी किसी को नहीं है।’
भगवान सिंह यादव, पूर्व अध्यक्ष
जिला सहकारी बैंक