दो नए आयुर्वेद संस्थान खुलने से मिलेगा आयुर्वेद को बढ़ावा

Update: 2017-07-29 00:00 GMT


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित किया है। जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर और फेलोशिप कार्यक्रम प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, सरकार ने दो नए आयुर्वेद संस्थानों की स्थापना की है। जिसमें पहला संस्थान नई दिल्ली में स्थापित किया गया है। यह अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए खोला गया है। वहीं शिलांग में खोला गया दूसरा उत्तर पूर्वी संस्थान आयुर्वेद और होम्योपैथी में अंडर ग्रेजुएट कि शिक्षा प्रदान करेगा।

वैज्ञानिक आधार पर शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, योग और नैचुरोपैथी और होम्योपैथी में अनुसंधान के लिए पांच केंद्रीय परिषद (केन्द्रीय काउंसिल) स्थापित किये हैं। इन परिषदों की शोध गतिविधियों में औषधीय पौधे पर अनुसंधान, ड्रग मानकीकरण औषधीय अनुसंधान, क्लिनिकल रिसर्च, लिटररी रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन और अन्य गतिविधियां शामिल हैं। इसके अलावा, आयुष मंत्रालय आयुष प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर शोध करने के लिए अतिरिक्त गहन रिसर्च (ईएमआर) योजना शुरू कर रहा है।

भारत सरकार ने 29 सितंबर 2014 को राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) को मंजूरी दे दी है। जिसके माध्यम सभी लोगों तक आयुष सेवाएं बेहतर ढ़ग से पहुंचने में मदद मिलेगी। फिलहाल देश में अभी आयुर्वेद के 341 कॉलेज है तो सिद्धा उपचार के 10 और यूनानी चिकित्सा के 52, होम्योपैथी के 204, प्राकृतिक चिकित्सा के 19 कॉलेज स्थापित हैं। आने वाले समय में सरकार इस तरह कि और योजनाएं ला सकती हैं, जिससे अायुर्वेद को बढ़ावा मिल सके।

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