ग्वालियर। यदि आप ग्राहक से पुराना सोना चांदी खरीदते हैं तो उसकी खरीदी बिल में एन्ट्री करना होगी, जिसका आपको कोई जीएसटी नहीं देना होगा। यदि आप किसी डीलर से पुराना सोना-चांदी खरीदते हैं तो जीएसटी देना होगा। इसी प्रकार व्यापारी दो लाख रुपए तक का नगद बिल काट सकते हैं। हालांकि जीएसटी के प्रावधानों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी शनिवार को कॉन्फेडिरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के ग्वालियर चेप्टर द्वारा होटल विवेक कॉन्टीनेन्टल में जीएसटी से संबंधित व्यापारियों की समस्याओं एवं शंकाओं के समाधान के लिए आयोजित शिविर में स्टेट टैक्स विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं टैक्स विशेषज्ञों ने व्यापारियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए दी। मुख्य अतिथि की आसंदी से संत कृपाल सिंह महाराज ने शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि जीएसटी से व्यापारियों को लाभ होगा। उन्हें अलग-अलग टैक्स जमा करने के बजाए जीएसटी के रूप में एक मुश्त कर जमा करना होगा।
शिविर में स्टेट टैक्स के डिप्टी कमिश्नर हरिदास भालेकर एवं स्टेट टैक्स आॅफीसर रोहिताष गुप्ता ने जीएसटी के संबंध में व्यापारियों के समक्ष विभागीय दृष्टिकोण रखा तथा उनके सभी प्रश्नों का समाधान किया। इस मौके पर कैट के राज्य सचिव भूपेन्द्र जैन ने बताया कि कैट टीम द्वारा विगत दो वर्षों से देश भर में जीएसटी को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कैट द्वारा लगाए जा रहे शिविरों में व्यापारियों की ओर से जो फीडबैक आएगा, उससे सरकार को अवगत कराया जाएगा। शिविर में सराफा संघ के अध्यक्ष पुरूषोत्तम जैन, सचिव सुरेश बिंदल एवं संदीप वैश्य आदि उपस्थित थे
उल्लेखनीय है कि जीएसटी लागू होने के बाद स्वर्ण आभूषण विक्रेता सहित अन्य व्यवसाई लोग अभी तक जीएसटी के मामले को नहीं समझ सके हैं। व्यवसाइयों को समझाने के लिए चेम्बर द्वारा सीए की उपस्थिति में विभिन्न व्यवसाइयों को जीएसटी की बारीकियों को समझा जा रहा है। ताकि दुकानदार इस नए नियम के तहत अपना व्यवसाय कर सके।