ग्वालियर। दाल बाजार के एक गल्ला कारोबारी द्वारा व्यापारियों से उधार लिए लगभग 12 करोड़ रुपए तो वह वापस नहीं कर पा रहा, लेकिन सेटिलमेंट के लिए हुई बैठकों में वह आधा यानिकी 50 पैसे देने को तैयार है। शेष रकम वह बीपी फूड से पैसा वापस मिलने पर चुकाएगा। हालांकि अभी उसमें किसी को एक पाई भी नहीं दी है।
जानकारी के मुताबिक अपने कारोबार को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तमाम व्यापारी हैसियत से ज्यादा पैसा ब्याज और हुण्डी पर ले रहे हैं, लेकिन जैसे ही वापसी की बात आती हैं तो यह अपने आप को दीवालिया बताकर पैसा वापसी से हाथ खड़ा कर लेते है। ऐसे ही एक गल्ला कारोबारी राजपूत ने पिछले दिनों सीधे व्यापारियों और हुण्डी दलालों के माध्यम से लगभग 12 करोड़ रुपया उठा लिया, लेकिन अब वह रकम वापसी के नाम पर बचता फिर रहा है। इस मामले में उनके पड़ौसी चाय कारोबारी के यहां जब बैठक हुई तो उसने साफ कह दिया कि फिलहाल वह आधी रकम लौटाने की स्थिति में है। उसका तर्क था कि बीपी फूड को उसने गेहूं सप्लाई किया था, उसका भुगतान आने पर वह शेष रकम लौटा पाएगा। ऐसे में लेनदार व्यापारी असमंजस हैं कि आधी रकम लें या नहीं। फिलहाल उसने किसी को कुछ नहीं दिया है। वह अपनी संपत्ति बेचने को तैयार नहीं है।
संजय को घेरने पहुंचे व्यापारी
दालबाजार के ही एक अन्य कारोबारी संजय अग्रवाल महाकोष भी पिछले कई दिनों से हुण्डी और उधार की रकम वापस नहीं कर रहा, उसपर लगभग 50 व्यापारियों का 25 से 30 करोड़ रुपया चाहिए। व्यापारी जब उससे रकम मांगते हैं तो वह यही कहता है कि उसका पैसा मुरैना की प्रापर्टी में फैला हैं, बिकने पर ही वह चुका पाएगा। सोमवार को लेनदार व्यापारियों के सब्र का बांध टूट गया और उसे घेरने 40-50 व्यापारी उसकी दुकान पर जा पहुंचे। लेकिन भनक लग जाने के कारण यह गायब हो गया। ऐसे में व्यापारी अपना सा मुंह लिए वापस लौट गए।
इस्तीफा हुआ स्वीकार
दाल बाजार व्यापार समिति के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले संजय अग्रवाल का सोमवार को कार्यकारिणी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया। साथ ही चुनाव की तारीख और चुनाव अधिकारी की नियुक्ति के लिए 22 अथवा 23 सितम्बर को पुन: बैठक करने का निर्णय लिया गया।