नदियों के संरक्षण के लिए कोई भी ठोस नीति नहीं हैं : सदगुरू जग्गी वासुदेव
तिरूअंतपुरम। ईशा फाउंडेशन के प्रमुख सदगुरू जग्गी वासुदेव ने कहा है कि बड़े पैमाने पर लगाई जाने वाली नई पनबिजली परियोजनायें देश के लिए उचित व उपयुक्त नहीं रह गयी हैं ।
प्रस्तावित अथिराप्पल्ली जल विद्युत परियोजना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 'योग्य व उचित निर्णय' लेना चाहिए । हालाँकि इस मुद्दे पर विचार करने के लिए वे अपने को योग्य नहीं मानते और नहीं वे कोई पर्यावरणविद ही हैं जो इसपर टिप्पणी दें, मगर केरल के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर ही ऐसा निर्णय ले ताकि जनता का विरोध नहीं झेलना पड़े।
नदियों को लेकर रैली व अभियान की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में ईशा फाउंडेशन के प्रमुख सदगुरू वासुदेव ने कहा कि केरल में नदियों की स्थिति अच्छी नहीं है। सद्गुरु ने कहा कि भगवान के इस देश में ही नदियाँ बदहाल हैं, जो दुर्भाग्य की बात है। राज्य की 44 नदियों में से अधिकांश साल भर सूखी ही रहती हैं । यद्यपि हमारे पास राज्यों के बीच पानी के उपयोग और पानी के लिए कई नीतियां हैं, मगर नदियों के संरक्षण के लिए कोई भी ठोस नीति नहीं है।
जग्गी वासुदेव ने कहा कि देश में नदियों के संरक्षण पर उनका ईशा फाउंडेशन एक मसौदा तैयार कर रहा है । सभी हितधारकों की राय लेकर उसे तैयार किया जायेगा जिसमें सबसे पहले किसान होंगे। और फिर आम जनता और राज्य की सरकारों की भी राय ली जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि नदियों के पुनरुत्थान के लिए प्रवर्तनीय और दीर्घकालिक नीतियां बनाने में ईशा फाउंडेशन की मदद करें। उन्होंने कहा कि लोगों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए ताकि नदियों के संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार की जा सके। राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए सभी राज्यों से भी राय व सहमति ली जाएगी ।