गजराराजा के 5 चिकित्सकों को भेजा दतिया चिकित्सा महाविद्यालय
ग्वालियर| शासन प्रदेश के सात नए चिकित्सा महाविद्यालयों में इस वर्ष से शैक्षणिक शत्र शुरू करने की तैयारी में है। लेकिन इन महाविद्यालयों को शुरू करने से पहले मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया(एमसीआई) की टीम द्वारा मान्यता दी जाएगी। एमसीआई ने संबंधित महाविद्यालयों का निरीक्षण करना भी शुरू कर दिया है। जिसको लेकर अब चिकित्सा शिक्षा विभाग चिकित्सकों के ट्रांसफर करने में लगा हुआ है। नए महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए पहले से चल रहे महाविद्यालयों से शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा रहा है। इसी के चलते गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के पांच चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति पर दतिया चिकित्सा महाविद्यालय में स्थानांतरित किया गया है।
दरअसल राज्य सरकार शैक्षणिक सत्र 2018-19 से शहडोल, विदिशा, रतलाम, खंडवा, दतिया, शिवुपरी और छिंदवाड़ा में एमबीबीएस कोर्स शुरू करने की तैयारी में हैं। इससे प्रदेश में एमबीबीएस की 800 सीटें और बढ़ जाएंगी। मान्यता के लिए एक बार एमसीआई टीम सभी महाविद्यालयों का निरीक्षण कर चुकी है।
पहले निरीक्षण में शिक्षकों की कमी के साथ ही अन्य कमियां थीं। एमसीआई ने इन कमियों को दूर करने को कहा था। इस बीच अब शासन ने इन महाविद्यालयों की मान्यता बचाने के लिए गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से पांच चिकित्सकों को दतिया चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर एमजीएम चिकित्सा महाविद्यालय के 9 चिकित्सकों को खंडवा चिकित्सा महाविद्यालय एवं जीएमसी भोपाल से 7 चिकित्सा शिक्षकों व 4 मेडिकल आॅफीसरों को प्रतिनियुक्ति पर विदिशा स्थानांतरित किया है जबकि यह नियम विरुद्ध है।
एससीआई के नियम अनुसार एक चिकित्सा शिक्षक की एक शैक्षणिक सत्र में सिर्फ एक कॉलेज में गिनती की जा सकती है। उसके बाद भी चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति पर इस तरह भेजा जा रहा है। वहीं नियम विरुद्ध तरीके से चिकित्सकों की जा रही प्रतिनियुक्ति को लेकर चिकित्सक भी खासे नाराज है। चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें शासन द्वारा स्थानांतरित करते हुए चेतावनी दी गई है कि अगर वह ज्वाइन नहीं करते तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
एमटीए ने किया विरोध, कल जलाएंगे अराजक भर्ती नियम
चिकित्सकों के किए जा रहे ट्रांसफर को लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के चिकित्सकों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है। एमटीए अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि शासन अराजक भर्ती नियम चला रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जिस को जैसे चाहे उस जगह फेंका रहा है। जबकि यह नियम विरुद्ध है। एससीआई के नियम अनुसार एक चिकित्सा शिक्षक की एक शैक्षणिक सत्र में सिर्फ एक कॉलेज में गिनती की जा सकती है। उसके बाद भी चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति पर इस तरह भेजा जा रहा है। जिसके विरोध में 26 अप्रैल को महाविद्यालय के सभी चिकित्सक अधिष्ठाता कक्ष के बाहर एकत्रित होकर वर्ष 2018 अराजक भर्ती नियम के पत्र को जलाएंगे।
फोन पर अवकाश के दिन भेजा प्रतिनियुक्ति पत्र
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति संबंधित आदेश रविवार को अवकाश वाले दिन फोन पर भेजे। जिसमें गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय गायनिक विभाग की डॉ. अर्चना मौर्य, सर्जरी के डॉ. प्रशांत राज पिपरिया, मेडिसिन के डॉ. सत्यम जयंत एवं रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. मनोहर राठौर व राजेश बघेल को गत दिवस सोमवार की सुबह ही दतिया में ज्वाइन करने की बात कही गई।