महाराज सिंधिया और मुख्यमंत्री दोनों का सम्मान बना रहा

मध्यप्रदेश की चुनावी चर्चा;

Update: 2023-04-25 14:56 GMT
चुनावी चर्चा

बात उस समय कि है जब श्यामाचरण शुक्ल मप्र के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया भी कांग्रेस में आ चुके थे। कांग्रेस में सिंधियाजी को लगभग सभी नेता महाराजा का सम्मान देने में पीछे नहीं रहते थे। श्यामाचरण शुक्ल भी सिंधिया को बड़ी इज्जत देते थे। एक दिन जब वह वल्लभ भवन में अपने कार्यालय में बैठकर जबलपुर के समाजवादी छात्र नेताओं से बातचीत कर रहे थे (जिनमें राजेन्द्र मजेजी, शरद यादव जैसे नेता शामिल थे) तभी अचानक उनके दफ्तरी ने सन्देश दिया कि महाराज माधवराव सिंधिया कुछ ही क्षणों में यहां पहुंचने वाले हैं। दफ्तरी का संदेश सुनकर मुख्यमंत्री ने अपने ओएसडी को निर्देश दिए कि पूरे सम्मान के साथ सिंधियाजी को अंदर लाया जाए।

यह कहकर श्यामाचरण शुक्ल अपनी कुर्सी से उठकर सीधे टॉयलेट में चले गए। औसत से ज्यादा समय उन्होंने वहां बिताया। इस बीच सिंधियाजी शुक्ल के चेंबर में आ चुके थे। मुख्यमंत्री ने टॉयलेट से बाहर निकलकर सिंधियाजी का सीधे गर्मजोशी से अभिवादन किया और करीब आधे घण्टे तक दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। इस दौरान राजेन्द्र मजेजी वहीं बैठे रहे और सिंधियाजी के जाने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि भैया आप अचानक महाराज का नाम सुनते ही टॉयलेट क्यों चले गए? इस पर श्यामाचरण शुक्ल ने इन छात्र नेताओं को बताया कि देखो मैं राज्य के मुख्यमंत्री की संवैधानिक कुर्सी पर बैठा हूं और अगर मेरे बैठे रहते सिंधियाजी चेंबर में आते तो मुझे इस कुर्सी से खड़ा होकर उनका सम्मान करना पड़ता, जो प्रोटोकाल के अनुरूप नहीं होता, इसलिए मैं टॉयलेट गया और वहां से पैदल चलते हुए मैंने सिंधियाजी का अभिवादन किया, इससे दोनों का सम्मान बना रहा। 

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