महाकुंभ 2025: पहली बार 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान कर रचा इतिहास…

Update: 2025-01-14 12:36 GMT

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आयोजित अमृत स्नान ने इतिहास रच दिया है। अब तक इस पावन अवसर पर 3.50 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह महाकुंभ का पहला अमृत स्नान था, जो करीब 12 घंटे तक चला। इस दौरान सभी 13 अखाड़ों के संतों ने निर्धारित क्रम में स्नान किया।

अमृत स्नान: सनातनी परंपरा का पुनर्जीवन

महाकुंभ 2025 की खासियत यह है कि इसमें पहली बार "अमृत स्नान" शब्द का उपयोग किया गया। पहले इसे "शाही स्नान" कहा जाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को सनातन संस्कृति के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से इस बदलाव को मंजूरी दी। "अमृत स्नान" शब्द ने धार्मिक और सांस्कृतिक पवित्रता को नई परिभाषा दी है।

श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा

अमृत स्नान के दौरान संगम घाटों पर श्रद्धालुओं के उत्साह का अद्भुत नजारा था। स्नान करते समय श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई, जिसने माहौल को और भी दिव्यता प्रदान की।


संगम पर उमड़ा जनसैलाब

मकर संक्रांति के इस पवित्र स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3.50 करोड़ श्रद्धालु इस स्नान में शामिल हो चुके हैं। वहीं, स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज से लौटने लगे, जिससे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भारी भीड़ हो गई। व्यवस्थाओं को संभालने के लिए यात्रियों को हॉल में रोका गया और ट्रेनों के समय के अनुसार प्लेटफॉर्म पर भेजा गया।


अखाड़ों की भव्य पेशवाई और स्नान क्रम

अमृत स्नान के दौरान 13 अखाड़ों ने परंपरागत अनुशासन का पालन करते हुए स्नान किया। सुबह 6 बजे के करीब, जूना अखाड़ा समेत अन्य अखाड़ों के साधु-संत तलवार, त्रिशूल और डमरू लेकर हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ घाट पर पहुंचे। महंत रविंद्र पुरी के अनुसार, यह पहला अवसर है जब महाकुंभ में "पेशवाई" और "शाही स्नान" जैसे शब्दों को बदलकर "छावनी प्रवेश" और "अमृत स्नान" जैसे सनातनी शब्दों का उपयोग किया गया।


महाकुंभ बना सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक

अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी ने कहा, "महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति और परंपराओं का वैश्विक मंच बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातनी धरोहर को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास सराहनीय है।"

भव्य आयोजन में सुरक्षा और सुविधा

महाकुंभ में सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। संगम क्षेत्र में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए जलपान, शिविर, चिकित्सा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई। हेलिकॉप्टर से निगरानी भी सुनिश्चित की गई।


महाकुंभ 2025: छह प्रमुख स्नान पर्वों का संगम

महाकुंभ 2025 में कुल छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें तीन अमृत स्नान शामिल हैं। यह स्नान पर्व करोड़ों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शुद्धि और पापों से मुक्ति का अनुभव प्रदान करेंगे। महाकुंभ के इस अनूठे आयोजन ने सनातनी परंपराओं को सशक्त करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी है। 

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