नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला किया है। गहलोत सरकार ने गुरुवार को दोनों बोर्ड परीक्षा को लेकर अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक अब 8वीं कक्षा के बच्चों को परीक्षा में खराब प्रदर्शन पर फेल किया जाएगा। जबकि अभी तक शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत 8वीं कक्षा तक किसी को फेल नहीं करने का प्रावधान था। अब राज्य सरकार ने एक्ट में संशोधन कर 8वीं में सप्लीमेंट्री परीक्षा और इसमें असफल विद्यार्थियों को फेल करने का प्रावधान लागू किया है। अगर 8वीं का विद्यार्थी सप्लीमेंट्री परीक्षा में भी फेल हो जाता है तो उसे उसी कक्षा में बैठना होगा, अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
हालांकि 5वीं कक्षा में विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाएगा लेकिन अब उन्हें भी सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होगी। अगर मेन परीक्षा में वह फेल हो जाते हैं तो उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा में बैठना होगा। सप्लीमेंट्री परीक्षा में असफल रहने पर भी 5वीं के विद्यार्थी को पास कर दिया जाएगा।
राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 5वीं और 8वीं कक्षा की सप्लीमेंट्री परीक्षाएं मेन परीक्षा के 60 के भीतर हो जाएंगी। किसी भी विद्यार्थी को प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने से पहले स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।
डोटासरा ने ट्वीट कर कहा, कक्षा 5 एवं 8 वीं में विधिक रूप से परीक्षा आयोजित किए जाने के लिए निर्णय लेकर राजपत्र में संशोधन प्रकाशन किया गया है। अब इसी सत्र से 5 वीं एवं 8 वीं की परीक्षा विधिक रूप से आयोजित की जा सकेगी। कक्षा 5 एवं 8 वीं में मुख्य परीक्षा के 60 दिनों में पूरक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में कक्षा 5 के किसी भी विद्यार्थी को रोका नहीं जाएगा लेकिन 8 वीं कक्षा के पूरक परीक्षा में असफल रहे विद्यार्थियों को कक्षा 8 वीं में ही पुन अध्ययन करना होगा। किसी भी विद्यार्थी को प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करने से पूर्व विद्यालय से एक्सपेल नहीं किया जाएगा।