Chhattisgarh Liquor Scam: राज्य सरकार का बड़ा फैसला , शराब घोटाले की अब करेगी सीबीआई

Update: 2024-12-21 09:38 GMT

CBI will Investigate Chhattisgarh Liquor Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बड़ा फैसला किया है। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी है। इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। साय सरकार का आरोप है कि FL-10 लाइसेंस व्यवस्था की वजह से ही पिछली सरकार में करीब 2200 करोड़ का घोटाला हुआ। बता दें कि, इस मामले में अब तक ACB और ED जांच कर रही थीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्‍य की साय सरकार ने नवंबर में ही इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद से ही प्रक्रिया चल रही थी। सीबीआई की सहमति मिलने के बाद अब केस सौंपने और उसकी जांच के लिए सीबीआई को अधिकृत करने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया है। बता दें कि, महादेव सट्‌टा ऐप, बिरनपुर हिंसा और छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच भी सीबीआई कर रही है।

क्या है शराब घोटाला

ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था। माना जाता है कि इस घोटाले को अलग-अलग चरणों में अंजाम दिया गया। सबसे पहले, शराब की खरीद के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई। दूसरे चरण में, बेहिसाब देशी शराब बेची गई, जिसकी सारी बिक्री को किताबों में दर्ज नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप राज्य के लिए कोई राजस्व नहीं मिला।

घोटाले के कमीशन वाले हिस्से में डिस्टिलर्स से रिश्वत लेना शामिल था, ताकि उन्हें एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी मिल सके और विदेशी शराब की बिक्री से मुनाफा कमाया जा सके। ईडी की टीम ने जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएमसीएल) बिल भुगतान करने के नाम पर आठ प्रतिशत कमीशन लेती थी। ईडी की टीम ने इस संबंध में सीएमसीएल के तत्कालीन डीजीएम सहित नौ लोगों के खिलाफ EOW और ACB में रिपोर्ट दर्ज कराई है। 


 

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