अटलजी जी ने कहा था- 'न इधर झुकेंगे न उधर झुकेंगे, दोनों मेरी तरफ झुकेंगे'
छपरा। ग्वालियर से निकलकर वाया दिल्ली देश के करोड़ों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का छपरा से गहरा लगाव रहा है। चुनाव के क्रम में ही सही वे कई बार छपरा आए, जिसकी यादें आज भी यहां के लोगों के जेहन में ताजा है।
छपरा से जुड़ी कुछ खास यादों की चर्चा करते हुए सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के पूर्व प्राचार्य रामदयाल शर्मा ने कहा कि पहली बार वाजपेयी जी 1963-64 में यहां आए थे। सड़क मार्ग से अटल बिहारी वाजपेयी को शिव कुमार द्विवेदी जीप से उन्हें पहलेजा घाट से छपरा लाए थे। उन्हीं के आवास पर उन्होंने रात्रि विश्राम भी किया था। दूसरी बार 1980 में चुनावी कार्यक्रम में वे आए थे। कल्टर कंपाउंड में उनकी सभा थी। अपने संबोधन में उन्होंने बतौर विदेश मंत्री अपने अनुभवों को साझा किया था। छपरा में ही उन्होंने कहा था कि पत्रकारों ने मुझसे विदेश मंत्री के रूप में पूछा था कि आप रूस की तरफ झुकेंगे या अमेरिका की तरफ, तो मैंने साफ शब्दों में कहा था कि मैं किसी की तरफ नहीं झुकुंगा, दोनों मेरी तरफ झूकेंगे।
छपरा के ही परसा विधानसभा में 1984-85 में उपचुनाव होना था। भाजपा के प्रत्याशी ब्रजनंदन सिंह थे। हाईस्कूल परसा के मैदान में चुनावी सभा थी, जिसमें काफी भीड़ जुटी हुई थी। सभा को संबोधित करते हुए अपने चुटिले अंदाज में वाजपेयी जी ने कहा था कि काश, यह भीड़ हमारी पार्टी की वोट में बदल जाती। तब लोगों ने खूब तालियां बजाई थी। 1998 में भी वाजपेयी जी यहां आए थे। पुलिस लाइन में चुनावी सभा को संबोधित किया था। तब के भाजपा जिलाध्यक्ष जर्नादन सिंह सिग्रीवाल थे। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य है कि मैंने उनके कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सिग्रीवाल ने कहा कि वाजपेयी जी से जो उन्हें उर्जा मिली वह आज भी बरकरार है। मंच पर ऐसा लग रहा था कि जैसे उनसे यहां के लोगों का बहुत पुराना व गहरा नाता था।