पटना। सीबीआई देश की सबसे तेज-तर्रार जांच एजेंसी मानी जाती है। कई दफे इसने पेंचिदा मामलों को सुलझाकर इसे साबित किया है। अब इसे एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सच्चाई का पता लगाने का जिम्मा सौंपा गया है। पर बिहार के दो चर्चित मामलों को सीबीआई वर्षों बाद भी नहीं सुलझा पाई।
रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड हो या फिर मुजफ्फरपुर की नवरूणा की रहस्यमय ढंग से गुमशुदगी। दोनों ही मामलों में सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या आरा शहर में 1 जून 2012 में हुई थी। इसके एक वर्ष बाद जुलाई 2013 में सीबीआई ने इसकी प्राथमिकी दर्ज की। अबतक जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। हत्या की वजह और कातिलों को पकड़ना तो दूर सीबीआई अपराधियों का सुराग तक नहीं लगा पाई। यही हाल नवरूणा के मामले में है। नवरूणा के पिता अतुल चक्रवर्ती ने 19 सितम्बर 2012 को उसकी रहस्मय परिस्थितियों में गायब होने की प्राथमिकी मुजफ्फरपुर के टाउन थाना में दर्ज कराई थी। फरवरी 2014 में सीबीआई ने इस केस की जांच संभाली पर अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। आखिर नवरूणा के साथ क्या हुआ इसका जवाब सीबीआई के पास नहीं है।
वहीं मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच भी सीबीआई को सौंपी गई थी। इस मामले में सीबीआई की जांच के बाद मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को अदालत द्वारा सजा सुनाई गई। नवम्बर 2018 में इस केस की जांच सीबीआई ने संभाली थी और जनवरी 2020 में अदालत ने फैसला सुना दिया। भागलपुर से जुड़े करोड़ों के सृजन घोटाले की जांच भी सीबीआई कर रही है। इस मामले में उसने कई लोगों के खिलाफ सबूत इक्ट्ठा करने के बाद चार्जशीट दायर की है। हालांकि अभी उसकी जांच जारी है।