पटना| पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर को कहा कि वे अदालती आदेश का पालन एक निर्धारित समय सीमा में करवा दें,ताकि कोर्ट में दायर होने वाले अवमानना के मामले कम हो सके|अवमानना के मामले दायर होने के बाद पदाधिकारियों को न चाहते हुए भी कोर्ट में बुलाना पड़ता है|अदालती आदेश का पालन करना सरकार का दायित्व है|पदाधिकारी ऐसा ना सोचें कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा ,अभी समय है|अगर संबंधित पदाधिकारी ऐसा सोचेंगे तो वरीय अधिकारियों को कोर्ट में आना ही पड़ेगा| न्यायाधीश मोहित कुमार शाह ने उक्त बातें एक अवमानना सम्बन्धी मामले पर सुनवाई के दौरान कही|सुनवाई के समय राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय और आईजी गणेश कुमार कोर्ट में उपस्थित थे|न्यायाधीश शाह ने कहा कि उन्हें वरीय पदाधिकारियों को कोर्ट में बुलाने का शौक नही है|वे यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि इन पदाधिकारियों के पास पूरे राज्य की जिम्मेवारी है|इनके पास बहुत काम है लेकिन स्थिति ऐसी आ बनती है कि ना चाहते हुए भी इन्हें कोर्ट में बुलाना पड़ता है|महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि इस मामले में अदालती आदेश का पालन कर दिया गया है.अभी सरकार द्वारा राशि आवंटित होने के तुरंत बाद याचिकाकर्ता को उनका बकाया दे दिया जाएगा|उन्होंने बताया कि दो तीन दिन में याचिकाकर्ता के बकाये का भी भुगतान कर दिया जाएगा| महाधिवक्ता को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता पुलिस इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार द्वारा अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालती आदेश का पालन कर दिया गया है| उन्हें एक सप्ताह में सभी तरह का वितीय लाभ भी मिल जाएगा|कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि अगर इस बीच उन्हें वितीय लाभ नही मिलता है तो वे फिर कोर्ट में आ सकते हैं|