नई दिल्ली। बिहार में चमकी (दिमागी बुखार) का कहर बदस्तूर जारी है। चमकी की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रविवार तक इस बीमारी के चलते मरने वाले बच्चों की संख्या 95 को पार कर गई है। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में अभी इन आंकड़ों को कम बताया जा रहा है।
इस बीच चमकी के इस विकराल रूप को देखते हुए बिहार सरकार ने पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है।औरंगाबाद, गया और नवादा में भीषण गर्मी और लू से हुई मृत्यु पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में एईएस से मृत बच्चों के परिजनों को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपए देने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को इस बात की घोषणा की है कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिजानों को चार-चार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुग्रह राशि देने के आदेश के साथ ही स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को निर्देश दिए कि वह इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई के लिए जरूरी कदम उठाए। मुख्यमंत्री ने भीषण गर्मी एवं लू से हुई मौतों के मामले में कहा कि वह आपदा की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
मुख्यमंत्री ने पूरे बिहार में इस भीषण गर्मी के मद्देनज़र जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। सीएम नीतीश ने प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र हरसंभव चिकित्सीय सहायता की व्यवस्था करने को कहा। उधर, मुजफ्फरपुर में एईएस से हुई बच्चों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री ने गहरा शोक जताया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं चिकित्सकों को इस भयंकर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए। उधर, चमकी बुखार से लगातार मरनेवालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थिति का जायजा लेने रविवार को केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री आला अधिकारियों के साथ स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंचे। इससे पहले विशेषज्ञ डॉक्टरों की केंद्रीय टीम वहां जांच के लिए पहुंची थी और अपनी रिपोर्ट को केंद्र सरकार को सौंपा था। इससे पहले केंद्रीय गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एसकेएम अस्पताल पहुंच कर हालाता का जायजा लिया था। उन्होंने कहा था कि हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई थी। लेकिन अगर किसी तरह की खामी हुई है तो उसे संज्ञान में लिया गया है।