शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार: राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुईं बिहार की कोकिला
बिहार। प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार आज पटना में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर कई लोग मौजूद रहे। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिंह अपनी मां को मुखाग्नि देकर रोने लगे। शारदा सिन्हा के अंतिम संस्कार के समय छठी मइया की जय और शारदा सिन्हा अमर रहे जैसे नारे लगे। गुलबी घाट में शारदा सिन्हा के अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल हुए थे।
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा ने कहा कि, "55 वर्षों तक मेरी मां ने संगीत की यात्रा की, 'लोक संस्कृति' का समर्थन किया और इसे और भी समृद्ध किया। उन्होंने अपने बच्चों को जो संस्कृति दी, वह इसी 'लोक संस्कृति' से थी, उन्होंने हमें बताया इसके महत्व के बारे में...उन्होंने कई तरह के गीत गाए लेकिन उन्हें छठ गीतों का आशीर्वाद मिला और इसलिए छठ वैश्विक बन गया।''
बता दें कि, छठ के पहले दिन 5 अक्टूबर को देर रात दिल्ली AIIMS में शारदा सिन्हा का निधन हो गया था। वे 72 साल की थीं। फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना के राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर लाया गया था। जहां सीएम नीतीश कुमार ने घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा ने बताया कि, 26 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था। 3 नवंबर को हालत में सुधार होने पर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन 4 नवंबर की शाम उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था। इसके बाद से वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं।
गौरतलब है कि, शारदा सिन्हा बिहार की लोकगायिका हैं। उन्होंने भोजपुरी, मैथली और मगही में कई गीत गाए हैं। शारदा सिन्हा को बिहार की कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। बिहार में उनके द्वारा गाए गए गीत काफी पसंद किए जाते हैं। संगीत और संस्कृति में योगदान के लिए शारदा सिन्हा को 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।