बड़े भाई के घर पर डिनर करने पहुंचे तेजस्वी यादव, लालू संग रांची में मुलाकात पर हुई चर्चा!
पटना। राजद सुप्रीमो से रांची में मुलाकात के दो दिनों बाद भाई तेजप्रताप के घर डिनर पर पहुंचे बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। दोनों की डिनर पर मुलाकात की फोटो मीडिया में आते ही बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम हो उठा। तस्वीर में उनके साथ एक और रिश्तेदार भी डायनिंग टेबल पर दिख रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को दोनों की इस मुलाकात में चुनाव के दौरान महागठबंधन को एकजुट रखने, सीएम नीतीश के खिलाफ आक्रमक चुनावी अभियान पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि करीब एक घंटे की इस मुलाकात में वरिष्ठ पार्टी नेता रघुवंस प्रसाद सिंह की नाराजगी को लेकर भी चर्चा की गई। पिता से मुलाकात के बाद तेज प्रताप भी कह चुके हैं कि उनसे कोई नाराजगी नहीं है। बकौल तेज प्रताप, रघुवंश पार्टी के बड़े नेता और हमारे चाचा है। उनकी नाराजगी मीडिया द्वारा उड़ाई गई सिर्फ अफवाह है।
इस मुलाकात के बाद पटना लौटे तेज प्रताप अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से मुलाकात कर पिता के संदेश की जानकारी दी। इस मुलाकात के अगले ही दिन यानि शनिवार को तेजस्वी और परिवार के अन्य सदस्य तेजप्रताप यादव के यहां डिनर पर पहुंचे। पार्टी सूत्रों के अनुसार डिनर के बहाने जहां तेजप्रताप ने सभी को पिता लालू प्रसाद यादव का संदेश दिया वहीं अनुज तेजस्वी यादव से विधानसभा चुनाव और सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को लेकर पिता के संदेश पर चर्चा की।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव, बाहुबली रामा सिंह की राजद में इंट्री और रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा को लेकर भी चर्चाएं हुई।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के मना करने पर रामा सिंह की राजद में इंट्री शनिवार को रोक दी गई। राजद की इस पहल को पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने का अंतिम प्रयास माना जा रहा है। रामा सिंह की राजद में इंट्री रोकने की यह दूसरी घटना है।राजद ने इस बार रामा सिंह को पार्टी में शामिल करने की कोई घोषणा नहीं कि थी, लेकिन रामा सिंह ने खुद ही एलान किया था कि वह 29 अगस्त को राजद में शामिल हो जाएंगे। उसके बाद रघुवंश सिंह ने अपनी नाराजगी जता दी थी। नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने दिल्ली के अस्पताल में मिलने के बहाने उनको मनाने का भी प्रयास किया। इसके पहले जब राजद ने रामा सिंह को शामिल करने की घोषणा की थी तो नाराज रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद उन्हें मनाने का प्रयास भी हुआ। लेकिन, वे नहीं माने और आज भी पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा पर कायम हैं।