छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में घोटाला: ACB- EOW ने मारा छापा, 660 करोड़ की गड़बड़ी का हुआ खुलासा

Update: 2025-01-28 02:44 GMT

Chhattisgarh Medical Corporation Scam :  रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में हुई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े इस मामले में करोड़ों के गोलमाल का खुलासा हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो वर्षों में जरूरत से ज्यादा उपकरण और केमिकल खरीदे गए, जिनकी आपूर्ति नियमों को नजरअंदाज कर की गई। मामले में मोक्षित कॉरपोरेशन और अधिकारियों के रायपुर और दुर्ग स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई है।

ऑडिट रिपोर्ट में पकड़ाई गड़बड़ी

कांग्रेस शासन काल में स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से गड़बड़ी की। दो साल की ऑडिट ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट में सामने आया था। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों की गड़बड़ी की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले को लेकर 660 करोड़ रुपए के गोलमाल को लेकर भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था।

ये खुलासे

1. सीजीएमएससी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की।

2. आवश्यकता से अधिक केमिकल और उपकरण खरीद कर नियम-कानूनों को ताक पर रखकर ऐसे अस्पतालों में सप्लाई की गई, जहां इनकी कोई आवश्यकता नहीं थी।

3. 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सप्लाई की गई जिनमें से 350 से अधिक केंद्रों में न तो तकनीकी सुविधा थी और न ही भंडारण व्यवस्था। इसके आलावा स्वास्थ्य विभागने उपकरणों और रीएजेंट की मांग पत्र बिना बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण के जारी किए।

विधानसभा सत्र में बीजेपी विधायक ने उठाए थे सवाल

विधानसभा सत्र में बीजेपी विधायक धरम लाल कौशिक ने प्रदेश में सरकारी दवाई सप्लाई के मामले को सदन में उठाए थे। इस दवाई खरीदी में 660 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाए थे। वहीं, प्रदेश के सरकारी दवाई सप्लाई में न जरूरत थी और न ही डिमांड थी। इसके बाद एसीबी इस मामले में केस दर्ज कर जांच कर रही है।

यहां से चल रहा था सारा खेल

गंजपारा स्थित मोक्षित कॉरपोरेशन के संचालक शांतिलाल चोपड़ा और उसके बेटे शशांक चोपड़ा को दवाई और मेडिकल इक्विपमेंट को एजेंसी है, जहां से सरकारी मेडिकल एजेंसी से दवाई सप्लाई किया जाता था। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों से पूछताछ की और दस्तावेजों की जांच पड़ताल की गई। एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने उनके घर और ऑफिस से दस्तावेजों को जब्त कर लिया है।


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