प्रधानमंत्री को मिला 197 पूर्व नौकरशाहों का समर्थन, पत्र में कहा- मोदी विरोधी राजनीति हो रही
नईदिल्ली। देश के 197 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, प्रशासनिक अधिकारियों और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला पत्र लिखा। उन्होंने ये पत्र चार दिन पहले 108 पूर्व अधिकारियों के कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में लिखा है। कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के अधिकारियों ने घृणा की राजनीति समाप्त करने मांग की थी।
इसी के जवाब में अब 197 अधिकारियों ने कंसर्न सिटीजन्स के रूप में पत्र लिखकर कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप पर " खास इरादे पर आधारित राजनीति करने " का आरोप लगाया है। कंसर्न सिटीजन्स ने अपने पत्र में कहा है की " यह उच्च स्तर के नागरिकों के रूप में खुद की तरफ ध्यान आकर्षित कराने के उद्देश्य से बार-बार किया गया एक प्रयास है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह स्पष्ट रूप से मोदी सरकार विरोधी एक राजनीतिक अभ्यास है, जो यह समूह समय-समय पर करता रहा है। "
हताशा का परिणाम -
उनका कहना है कि ऐसा बार-बार करके अपने प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है और यह साबित करना चाहता है कि वह बड़े ऊंचे सामाजिक सरोकार रखने वाले व्यक्तियों का समूह है जबकि इसके पीछे उनकी मोदी विरोधी राजनीति छुपी है। इस पत्र लिखा गया है कि सीसीजी का पत्र उस हताशा का परिणाम है, जो हालिया विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी के प्रति एकजुटता दिखाते हुए सामने आया है।
इन अधिकारियों के हस्ताक्षर -
प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखने वाले कंसर्न सिटीजन्स के समूह की समन्वयक पूर्व राजदूत भास्वती मुखर्जी और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अरुण साहनी हैं। इस पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली सिक्किम, राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर एस राठौड, पूर्व कृषि सचिव प्रबीर कुमार बसु, रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख प्रवीण दीक्षित, पूर्व राजनयिक जे एस सप्रा, पंजाब के पूर्व पुलिस प्रमुख पी सी डोगरा, केरल के पूर्व पुलिस प्रमुख डॉ टी पी सेनकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव सुधीर शर्मा, पूर्व लेफ्टिजेंट जनरल वी के चतुर्वेदी और नितिन कोहली, पूर्व एयर मार्शल पी के रॉय, पूर्व एयर वाइस मार्शल आर पी मिश्रा, पूर्व मेजर जनरल डॉ एस एस दसाका के हस्ताक्षर हैं।