कोरोना काल में इन्फोसिस के 74 कर्मचारी बन गए करोड़पति

-चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने नहीं ली अपनी सैलरी

Update: 2020-06-03 13:51 GMT

नई दिल्ली। कोरोना काल में एक अच्छी खबर दूसरी बड़ी आईट कंपनी इंफोसिस से आ रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में इस कंपनी में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। पिछले साल 64 करोड़पति कर्मचारियों के मुकाबले अब करोड़पति क्लब में कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 74 हो गई है। इन्फोसिस के सालाना रिपोर्ट के मुताबिक करोड़पतियों की इस लिस्ट में वाइस प्रेसिडेंट और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्तर के 74 अधिकारी में शामिल हैं।

दरअसल इन्फोसिस में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की वजह उन्हें मिलने वाले स्टॉक इन्सेंटिव की वैल्यू में बढ़ोतरी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने स्वेच्छा से अपनी सेवाओं के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं लिया है। पिछले साल इन्फोसिस के बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को करोड़ों रुपये के शेयर देने के प्लान को आगे बढ़ाया था।

परफॉर्मेंस के आधार पर कर्मचारियों को इन्सेंटिव के नए प्रोग्राम के तहत शेयर दिए जाने के प्रस्ताव को शेयरधारकों की मंजूरी के बाद स्टॉक ऑनरशिप प्रोग्राम लागू किया गया। साल 2015 की योजना के मुताबिक इन्फोसिस समय के आधार पर शेयर देती थी, लेकिन अब परफॉर्मेंस के आधार पर दिए जाएंगे।

इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख के वेतन पैकेज में 2019-20 में करीब 39 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि के बाद इब यह 34.27 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। 2018-19 में पारेख की सैलरी 24.67 करोड़ रुपये थी। 2019-20 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट से पता चला कि उनके कुल वेतन में 16.85 करोड़ रुपये सैलरी से, स्टॉक से 17.04 करोड़ रुपये और 38 लाख रुपए शामिल हैं।

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