हैदराबाद। नफरत वाला भाषण देने को लेकर मजलिस ए इत्तित्तेहादुल मुस्लिमीन (एम आई एम आई एम) पार्टी के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दर्ज मामले में आज हैदराबाद के विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया।
हैदराबाद की विशेष अदालत ने बुधवार को अकबरुद्दीन ओवैसी को 10 साल पुराने मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है. सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने कहा की मामले में तकनीक एविडेंस की गई लेकिन निजामाबाद और निर्मल पुलिस अरूप पत्र में दाखिल अरूप को साबित करने विफल रही।सेशंस जज ने अपने फैसले में भविष्य में ऐसे भड़काव भाषण न देने की हिदायत दी ।अदालत ने कहा की इस बरी किए गए फैसले को अपना विजई नहीं मानना चाहिए बल्कि यह समझे की अदालत उन्हें क्षमा कर रही है।
दलील से टला -
विधायकों सांसदों के खिलाफ सुनवाई करने वाले विशेष सत्र अदालत ने इससे पहले फैसला सुनाने को कल मंगलवार को तय किया था लेकिन बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकील की दली को सुनने के बाद अदालत ने फैसला आज बुधवार तक टाल दिया था।
ये है मामला -
तेलंगाना विधानसभा के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता है अकबरुद्दीन के खिलाफ निजामाबाद और निर्मल के कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण देने का मामला वर्ष 2012 में दर्ज किया गया था इस मामले की सुनवाई को लेकर विधायक अकबर मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश हुए।
अकबरुद्दीन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। अकबरुद्दीन पर सार्वजनिक भाषण के दौरान एक समुदाय के विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काने वाली भाषण का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है अकबर ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण निजामाबाद के 8 दिसंबर 2012 को और निर्मल कस्बे में 22 दिसंबर 2012 को भाषण दिया था इसके बाद उन्हें गिरफ्तार की गई थी। लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर रहे अपराध जांच शाखा सीआईडी में निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोप पत्र दाखिल किया था इसी तरह निर्मल मामले में भी जिला अदालत में वर्ष 2016 में आरोप पत्र दाखिल की गई थी। इस बीच अदालत की करवाई और फैसले के चलते अद्भुत की पुरानी शहर में पुलिस ने सुरक्षा बड़ा दिया है।