कोरोना के बाद देश में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, केरल में राजकीय संकट घोषित
नईदिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण के साथ ही अब बार्ड फ्लू का खतरा देश भर में बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के बाद मप्र, केरल, हिमाचल में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत के मामले सामने आये है। जिसके बाद से आमजनों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सभी राज्यों में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
केरल में बड़ी संख्या में हो रही पक्षियों की मौतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसे राजकीय संकट घोषित कर दिया है। केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आये है। यहां बड़ी संख्या में मुर्गी एवं अन्य पक्षियों की मौतें हुई है।जिसके बाद प्रशासन ने एक किमी के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दे दिया है।
राजस्थान के कई जिलों में फ्लू की पुष्टि -
बर्ड फ़्लू का पहला मामला झालावाड़ में सामने आय था। यहां एक साथ सैंकड़ों की संख्या में कौओं की मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इसके बाद ये अन्य जिलों में सामने आया है। राज्य कई जिलों में पिछले 24 घंटों में 150 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आये है।
मप्र में 150 कौओं की मौत -
वहीँ मप्र में 23 दिसंबर से 3 जनवरी तक 376 कोऔ की मौत हो चुकी है। जिसमें इंदौर में सर्वाधिक 150 कौवों की मौत हुई है। इसके मंदसौर में 100 एवं मालवांचल में करीब 112 कौओं की मौत हुई है। पक्षियों की लगातार हो रही मौतों से प्रदेश के अन्य जिलों में बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना बढ़ गई है।पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा की सभी कौओं के सैंपल जाँच के भोपाल की लैब में भेजें गए है। उन्होंने कहा की सके साथ ही सभी पॉल्ट्री फार्म पर नजर रखी जा रही है।
हिमाचल -हरियाणा में 1 लाख मुर्गियों की मौत-
इसके अलावा हिमाचल और हरियाणा में भी रहस्मय ढंग से बड़े स्तर पर मुर्गियों के मौत के मामले सामने आये है। यहां अब तक करीब 1 लाख मुर्गी और चूजों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही सैकड़ों शीतकालीन प्रवासी पक्षी पोंग डैम झील अभयारण्य में मृत पाए गए है। कांगड़ा जिला मजिस्ट्रेट ने सोमवार को फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा क्षेत्रों में किसी भी पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री, खरीद और निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।