जम्मू में पहली बार आयोजित हुआ CRPF का स्थापना दिवस, गृहमंत्री शाह हुए शामिल
गृहमंत्री शाह ने सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस पर परेड की ली सलामी
जम्मू। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 83वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार सुबह मौलाना आजाद स्टेडियम पहुंचे और परेड की सलामी ली। सीआरपीएफ जवानों ने गृहमंत्री को अपने बीच देख भारत माता की जय के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। यह पहली बार है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से बाहर जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ का स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया है।
सलामी लेने के बाद गृहमंत्री शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में बलिदान देने वाले जवानों के परिजनों और इन्हीं अभियानों में अपने साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया। उन्होंने यह पदक देते हुए बलिदानियों के परिजनों से कहा कि उनके अपनों की शहादत का पूरा देश हमेशा ऋणी रहेगा।
इसके बाद गृहमंत्री शाह अमरनाथ यात्रा और प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच महीनों में शाह की जम्मू की यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर के पांच दिवसीय दौरे पर आए थे। शाह के दौरे के चलते शहर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शहर के मौलाना आजाद स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम के चलते स्टेडियम की ओर जाने वाले सभी मार्गों को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। पुल के दोनों ओर आने-जाने के लिए भगवती नगर पुल एवं गुज्जर नगर पुल को खोला गया है।
जम्मू कश्मीर दौरा -
उल्लेखनीय है कि गृहमंत्री शाह जम्मू-कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार देर शाम जम्मू हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां से राजभवन के लिए रवाना हो गए थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, मेयर चंद्रमोहन गुप्ता ने उनका स्वागत किया। शुक्रवार शाम को ही आयोजित एक समारोह के दौरान गृहमंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार जवानों के परिजनों को नियुक्ति आदेश सौंपे थे। शाह ने शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिजनों से बातचीत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के इन बहादुर सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिखाए गए साहस और प्रतिबद्धता पर पूरे राष्ट्र को गर्व है। गृहमंत्री शाह सीआरपीएफ स्थापना दिवस समारोह के बाद उच्चाधिकारियों की बैठक के बाद दिल्ली लौट जाएंगे।