भारत के टीकाकरण अभियान की पूरे विश्व में हो रही प्रशंसा : स्वास्थ्य मंत्री

भारत फार्मा क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर

Update: 2022-04-25 13:14 GMT

नईदिल्ली। केंद्रीय रसायन और उर्वरक और स्वास्थ्य और परिवार कल्याणमंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि जिस तरह से भारत ने कोरोना महामारी का सफल प्रबंधन किया है वह एक वैश्विक केस स्टडी है। सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए आज पूरा विश्व समुदाय भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में 187 करोड़ से अधिक खुराक दी गई हैं जो एक सराहनीय उपलब्धि है। वे सोमवार को नई दिल्ली में फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर आयोजित 7वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम एक नए भारत का उदय देख रहे हैं और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फार्मा क्षेत्र भी इस विकास का हिस्सा बने। हम हेल्थ केयर इको सिस्टम के दो महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें 'हील इन इंडिया और हील बाई इंडिया' शामिल है। डॉ. मंडाविया ने कहा कि यह सम्मेलन फार्मा क्षेत्र में अगले 25 वर्षों के लिए योजना का मसौदा तैयार करने का मंच प्रदान करता है। तीन दिवसीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों और नेतृत्व के कारण भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सस्ती और सुलभ हो रही है। सरकार देश में डॉक्टरों, चिकित्सा संस्थानों, अस्पताल सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, तृतीयक देखभाल केंद्रों, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

भारत फार्मा क्षेत्र में एक वैश्विक नेता है - 

इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि हमें भारतीय फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में गुणवत्ता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास और नवाचार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत दुनिया में फार्मा हब है और हम उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में 5वें स्थान पर है। खुबा ने कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र वर्तमान में 11 अरब डॉलर का है और साल 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 80 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा उपकरण भारत में आयात किए जाते हैं। अनुसंधान एवं विकास, नवाचार के साथ, जल्द ही भारत में 80 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन करेगा।

फार्मास्युटिकल्स विभाग की सचिव एस अपर्णा ने कहा कि भारत अमृतकाल की तैयारी कर रहा है। यह समय फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस क्षेत्र में हमारी आकांक्षा को फिर से डिजाइन करने और नेतृत्व का वैश्विक मंत्र लेने का है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों और दवाओं में नवाचार के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता है। फार्मा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना के तहत थोक दवाओं, एपीआई आदि के लिए पहले ही 22,000 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए जा चुके हैं।

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