नई दिल्ली। कोरोना और देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सरकार ने केंदीय कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ता देने पर तत्काल रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंनशनभोगियों के लिए भी फिलहाल नई दरों पर महंगाई भत्ते पर राहत देने पर रोक लगा दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों को एक जनवरी, 2020 से मिलने वाली अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी एक जनवरी 2020 से दिए जाने वाले अतिरिक्त महंगाई राहत भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने यह साफ किया है कि मौजूदा दर पर महंगाई-भत्ते का भुगतान होता रहेगा।
वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, कर्मचारियों को अगले साल 1 जुलाई, 2021 तक बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। साथ ही 1 जनवरी, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 की अवधि तक केंद्रीय कर्मचारियों को कोई बकाया नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि जून, 2021 तक महंगाई भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। सरकार प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। बदलाव के बाद अतिरिक्त महंगाई भत्ते का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से किया जाता है। फिलहाल, सरकार के इस फैसले से 1.13 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी प्रभावित होंगे, जिसमें करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं। महंगाई भत्ते को रोकने पर केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में करीब 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी।
केंद्र सरकार के फैसले के बाद अन्य राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता रोक सकती हैं। यदि राज्य सरकारें ऐसा करती हैं तो इस मद में करीब 82,566 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों को महंगाई भत्ते की मद में 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जोकि कोरोना के खिलाफ जंग में बहुत मददगार होगी।