तीन सालों में कंपनी कानून के तहत करीब 3.8 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द : सरकार

Update: 2020-09-21 14:51 GMT

नई दिल्ली। पिछले तीन सालों में कंपनी कानून के तहत 3.8 लाख से अधिक कंपनियों को सरकारी रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में, निगमित मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह भी कहा कि 'फर्जी' (शेल) कंपनी शब्द कंपनी अधिनियम के तहत परिभाषित नहीं है।

उन्होंने कहा, ''यह आम तौर पर ऐसी कंपनियों के लिए उपयोग में लाया जाता है जो बिना सक्रिय रूप से व्यवसाय संचालन या महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के बिना ही अस्तित्व में हैं। कुछ मामलों में इस तरह की कंपनी का उपयोग कर चोरी, धनशोधन, अस्पष्ट स्वामित्व, बेनामी संपत्ति आदि जैसे अवैध उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है।

शेल कंपनियों के मुद्दे को देखने के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष कार्य बल ने शेल कंपनियों की पहचान के लिए अलर्ट के रूप में कुछ 'रेड फ्लैग संकेतकों के उपयोग की सिफारिश की है। मंत्री के अनुसार, सरकार ने ऐसी छद्म कंपनियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाया और फिर शेल कंपनियों को बंद करने का काम किया है।

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