नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से मोदी सरकार की आलोचना और लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी के खतरे के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीखा हमला बोला है। प्रकाश जावड़ेकर ने सोनिया गांधी के लेख को पाखंड बताया और कहा कि बेटे के प्रधानमंत्री न बन पाने से सोनिया गांधी दुखीं हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करते हुए कहा 'सोनिया गांधी का आज का लेख एक पाखंड है। लोकतंत्र पर भाषण देकर, लोकतंत्र से चुने प्रधानमंत्री के, प्रतिमा का दहन करना यही वह पाखंड है। जनता ने उनके बेटे को प्रधानमंत्री की कुर्सी ना देकर एक गरीब, मगर मजबूत और निर्भय नेता को दी। इसका दुख इसमें झलकता है।'
वहीं, अपने दूसरे ट्वीट में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग आंदोलन को अनुचित ठहराने के बाद भी कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है। मोदी सरकार ने वहा लाठी भी नहीं चलाई। आपने रामलीला मैदान में सोये प्रदर्शनकारियों को कैसे पीटा, भूल गए? लोग नहीं भूले!'
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष ने हिन्दुस्तान टाइम्स में लिखे एक अपने लेख में आरोप लगाया है कि मोदी राज में लोकतंत्र को खोखला किया जा रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी को धीरे-धीरे सिस्टमैटिक तरीके से खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने अपने लेख में लिखा है कि असहमतियों को कुचला जा रहा है और जनता की आवाज उठाने वाली संस्थाओं को सरकार दबा रही है। उन्होंने सरकार पर मौलिक अधिकारों के दमन का भी आरोप लगाया है।
दूसरी ओर से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सोनिया गांधी के लेख पर पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्षी दल और उसके नेता जितना झूठ बोलेंगे और मोदी से नफरत करेंगे, उतना ही और अधिक लोग उनका समर्थन करेंगे। नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी द्वारा विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की निंदा किए जाने को लेकर प्रहार किया।
नड्डा ने कहा, 'निराशा और बेशर्मी का गठजोड़ काफी खतरनाक होता है। कांग्रेस के पास ये दोनों ही है। जहां पार्टी में बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है।'