क्या सिर्फ कोट टाई वाले रिसर्च करेंगे, धोती वाले नहीं कर सकते : बाबा रामदेव

Update: 2020-07-01 12:45 GMT

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से कोरोना के इलाज की दवा कोरोनिल लॉचिंग के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। ऐसे में दवा लेकर रामदेव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा हमने आयुष मंत्रालय क भेजा, आयुष मंत्रालय क सारे अप्रूवल लिए गए। हमने सभी पैरमीटर फॉलो किए। एफआईआर करो, देशद्रोही कह लो या आतंकी कह लो कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में योग के अंदर काम करना गुनाह है। मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दवा बनाकर क्या मैंने कोई गुनाह कर दिया, सत्कार नहीं कर सकते तो तिरस्कार तो मत कीजिए। सिर्फ कोट टाई वाले रिसर्च करेंगे क्या, धोती वाले नहीं कर सकते।

रामदेव ने कहा कि अभी तो हमने एक कोरोना के बारे में क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल का डाटा देश के सामने रखा तो एक तूफान सा उठ गया। उन ड्रग माफिया, मल्टीनेशनल कंपनी माफिया, भारतीय और भारतीयता विरोधी ताकतों की जड़ें हिल गईं।

बता दें कि इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर बताया है कि जो भी हमसे जानकारी मांगी गई थी, वह हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है। बालकृष्ण ने ट्वीट किया, 'यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टैंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है।'

दरअसल कोरोनिल के लॉन्च होने के बाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी कंपनी ने वैश्विक महामारी कोरोना से निजात दिलाने के लिए कोरोनिल दवा बनाने का दावा किया है। रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ बीते मंगलवार को हरिद्वार में यह दवा लांच की। याचिकाकर्ता का कहना है कि रामदेव ने इस संबंध में नियमों का अनुपालन नहीं किया है। 

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