नईदिल्ली। कोविड-19 महामारी के बाद इस वर्ष पूरे देश में दिवाली का त्योहार आम लोगों के साथ कारोबारी भी धूमधाम से मनाया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि दीपावली पर देशभर में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है।
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि हमारी अनुसंधान शाखा, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के सर्वे में इस वर्ष त्योहारी सीजन दिवाली की बिक्री लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की हुई है। उन्होंने कहा कि यह अनुमान देशभर के सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं और 20 प्रमुख शहरों के सर्वेक्षण के आधार पर है। लेकिन, पटाखा नीति को लेकर राज्य सरकारों की ढुलमुल रवैये से पटाखों के छोटे निर्माताओं और विक्रेताओं को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है।
खंडेलवाल ने कहा कि कैट के टेलीफोनिक सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि पैकेजिंग कारोबार का एक नया व्यापारिक कार्यक्षेत्र बन गया है, जिससे इस वर्ष दिवाली पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। कैट महामंत्री ने उम्मीद जताया कि दिपावली पर जिस तेजी से व्यापार हुआ है, उसको देखते हुए दिसंबर 2021 के अंत तक देशभर के बाजारों में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी, जिससे व्यापारियों का वित्तीय संकट भी समाप्त होगा।
कैट महामंत्री ने बताया कि इस वर्ष दिवाली की अनेक आर्थिक विशेषताएं रहीं, जिनमें मुख्य रूप से चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार, भारतीय सामानों का बड़े पैमाने पर उपयोग और देश के व्यापारियों के लिए दो साल के व्यापार निर्वासन को समाप्त करना शामिल था। उन्होंने कहा कि देशभर के व्यापारिक समुदाय ने पिछले दो वर्षों की अभूतपूर्व मंदी से काफी राहत महसूस करते हुए बड़े उत्साह के साथ आज दिवाली मनाई है। इसके साथ ही "चीनी सामानों के बहिष्कार" से दिवाली पर चीन को 50 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान पर खुशी भी जताया।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के फैसले पर खुशी जाहिर की है। लेकिन, कहा कि समानों के दाम कम होने में अभी एक हफ्ता लगेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी वैट घटाया है। इसका फायदा आम उपभोक्ता तक पहुंचे इसको देखने का काम भी सरकार को करनी चाहिए, क्योंकि सरकार के इस प्रयास का सही मायने में फायदा आम जनता तक पहुंनी चाहिए।
उन्होंने का कि इस वर्ष छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों और स्थानीय कलाकारों ने अपने उत्पादों की अच्छी-खासी बिक्री की। राज्य स्तर, जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर हजारों छोटे निर्माताओं ने स्वयं के ब्रांडों की जबरदस्त बिक्री करते हुए एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और किराना उत्पादों के क्षेत्र में बड़ी विदेशी और भारतीय कंपनियों के एकाधिकार को नष्ट कर दिया है। खंडेलवाल ने कहा कि उन्होंने उस आपूर्ति की कमी को पूरा किया है, जो कि चीनी सामन की अनुपस्थिति के कारण हुआ था। उन्होंने कहा कि दिवाली पर बिक्री यह इंगित करती है कि भारत के लोगों ने कोविड-19 से सुरक्षा और भारतीय सामान की बिक्री-खरीद के मामले में कोविड और चीन दोनों को पछाड़ दिया है।
खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय नागरिक चीनी उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार करने के लिए दृढ़संकल्प हैं। व्यापारियों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय कारीगरों, मूर्तिकारों, हस्तशिल्प श्रमिकों और विशेष रूप से कुम्हारों ने भी अच्छा कारोबार किया। व्यापारियों ने चीनी सामान न तो बेचा और ना ही उपभोक्ताओं ने चीनी सामान खरीदा। उन्होंने कहा कि हम चीन से आयात कम करने का अपना लक्ष्य दिसंबर, 2022 तक पूरा करेंगे। इससे चाइनजी समानों के आयात 1.5 लाख करोड़ रुपये तक कम होंगे।