1 जून से इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदना हो जायेगा महंगा, सरकार ने FAME सब्सिडी में की कटौती
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है।
वेबडेस्क।देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड पिछले कुछ सालों में काफी तेज हो गई है। कम खर्चे में लंबे सफर पर ले जाने वाले इस वाहन की कीमतें जल्द बढ़ सकती है। यदि आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते है तो जल्दी करें क्योंकि 9 दिन बाद इसकी कीमतों में काफी इजाफा हो जाएगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली Fame II सब्सिडी को काम करने का निर्णय लिया है। अब इस स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर रूपए 10000 प्रति किलोवाट की सब्सिडी देने का फैसला किया है। इससे पहले यह सब्सिडी 15000 रूपए प्रति किलोवाट थी।
केंद्र सरकार कुछ सालों से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जोर दे रही है जिससे देश की पेट्रोल डीजल पर निर्भरता काम हो और प्रदुषण की गंभीर समस्या भी काम हो। यही कारण है की सरकार की और से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए सब्सिडी जी जा रही है उधर, सरकार इस बात पर भी जोर दे रही है कि इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को भी राहत दी जाए। इसके अलावा कंपनियों पर भी बाजार का दवाब है कि वे अपने-अपने उत्पादों की कीमतों को बाजार के हिसाब से तय करें और प्रतियोगी बने रहें।
भारी उद्योग मंत्रालय ने एलान किया है कि सब्सिडी की रकम 15000 रुपये प्रति किलोवाट के बजाय अब 10000 रुपये प्रति किलो वाट होगी। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन की सीमा वर्तमान में वाहनों के एक्स-फैक्ट्री मूल्य के 40 प्रतिशत से 15 प्रतिशत होगी। फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स (फेम) इंडिया स्कीम 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू हुई थी, जिसे 31 मार्च, 2024 तक दो साल की अवधि के लिए और बढ़ा दिया गया था। फेम योजना चरण II के लिए कुल परिव्यय इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये है, जिसे खरीद मूल्य के रूप में प्रोत्साहित किया जा सकता है। यह योजना विशेष रूप से इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स और इलेक्ट्रिक बसों के सेगमेंट में सार्वजनिक और वाणिज्यिक परिवहन के लिए है।
सरकार के इस फैसले के बाद अब इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चर्र सोसाइटी (SMEV) ने चिंता जाहिर की है . सोसाइटी का कहना है कि इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स को दी जाने वाली सब्सिडी में औचक कटौती एक बड़ा फैसला है और इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों पर असर देखने को मिल सकता है. उन्होंने आगे ये भी कहा कि इससे पूरी इंडस्ट्री पर प्रभाव पड़ सकता है। इस फैसले के बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने वालों की जब पर असर पड़ेगा, क्योंकि अब उन्हें कम सब्सिडी मिलेगी। इसकी वजह से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीददारों को अधिक जेब ढ़ीली करनी होगी। इसके अलावा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है।
सरकार के इस फैसले पर इस व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि सरकार नीतिगत फैसलों से इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को सपोर्ट करती रहती है तब इस इंडस्ट्री को ज्यादा समस्या नहीं होगी. इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बाजार में मौजूद वाहनों के 5 प्रतिशत हो चुकी है और यदि यह तेजी गति से बढ़ता रहा तो जल्द ही 60 फीसदी तक पहुंच जाएगा.