GST के दायरे में आ सकता है पेट्रोल -डीजल, कल काउन्सिल की बैठक में होगा विचार

Update: 2021-09-16 11:48 GMT

नईदिल्ली।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक शुक्रवार (17 सितंबर) को 11 बजे से लखनऊ में होगी। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में चार दर्जन से ज्यादा वस्तुओं पर कर की दरों की समीक्षा की जा सकती है। साथ ही 11 कोरोना दवाओं पर मिल रही कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। 

वित्त मंत्रालय की ट्वीट के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 17 सितंबर, शुक्रवार को लखनऊ में सुबह 11 बजे जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी शामिल होंगे। 

पेट्रोल-डीजल पर वैट - 

सूत्रों के अंसार इस बैठक में कोरोना से जुड़ी जरूरी सामग्री और दवाओं पर शुल्क राहत की समय-सीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा देश में इस समय वाहन पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। दरअसल राज्य पेट्रोल-डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगाते, बल्कि इससे पहले केंद्र सरकार इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाता है, जिसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं। 

वैट को समाहित किया गया - 

उल्लेखनीय है कि केरल हाई कोर्ट ने जून में एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान जीएसटी काउंसिल से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला करने को कहा था। ऐसे में इस पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में विचार हो सकता है। देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से लागू हुई थी। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था, लेकिन पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल को इसके दायरे से बाहर रखा था। क्योंकि इससे केंद्र और राज्य सरकारों को इन उत्पादों पर कर से भारी राजस्व मिलता है। 

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