आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर सात फीसदी किया

जर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने मजबूत घरेलू मांग तथा विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल बढ़ने के बीच विकास दर के अनुमान में इजाफा किया है।

Update: 2023-12-08 07:17 GMT

मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने मजबूत घरेलू मांग तथा विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल बढ़ने के बीच विकास दर के अनुमान में इजाफा किया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शु्क्रवार को यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। उन्होंने मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे के बारे में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहेगी। दिसंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी और मार्च तिमाही में छह फीसदी रहने का अनुमान है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने मौद्रिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी, दूसरी तिमाही के लिए 6.5 फीसदी और तीसरी तिमाही के लिए 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

उल्लेखनीय है कि भारत की अर्थव्यवस्था 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी। देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जून और सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर क्रमश: 7.8 फीसदी और 7.6 फीसदी रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्वबैंक और रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 फीसदी रहने की संभावना जताई है, जबकि एसएंडपी ने विकास दर 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।

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