नई दिल्ली। कोविड-19 के संकट के बीच कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से खुदरा महंगाई दर जून में बढ़कर 6.09 फीसदी हो गई है, जो कि मार्च में 5.84 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों में ये जानकारी दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक जून में खाद्य महंगाई दर घटकर 9 माह के निचले स्तर 7.87 फीसदी पर आ गई है, जबकि इससे पहले मई में खाद्य महंगाई दर 9.2 फीसदी पर थी।
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर जून में 6.09 फीसदी रही, जबकि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर घटकर नौ महीने के निचले स्तर 7.87 फीसद पर रही। मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि खुदरा महंगाई दर से जुड़े आंकड़े कोविड-19 की वजह से लागू पाबंदियों के कारण सीमित बाजारों से एकत्र डेटा के आधार पर तैयार किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि जून, 2019 में खुदरा महंगाई दर 3.18 फीसद पर थी। हालांकि, अप्रैल में मार्च के महंगाई दर के आंकड़ें को रिवाइज किया था। मार्च में खुदरा महंगाई की दर 5.91 फीसदी बताई गई थी, जिसे रिवाइज कर 5.84 फीसदी कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने दो महीने के लंबे लॉकडाउन के दौरान अपर्याप्त डेटा संग्रह की वजह से अप्रैल और मई महीने के खुदरा महंगाई दर के आंकड़ें जारी नहीं किए थे। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर बढ़ने की सबसे बड़ी वजह खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने की वजह से है, जिसमें डीजल की कीमत बढ़ने से ट्रांस्र्पोटेशन का खर्च वढ़ने से महंगाई बढ़ी है। बता दें कि खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक की ओर से तय 6 फीसदी की सीमा से ज्यादा हो चुका है। रिजर्व बैंक ने इसके लिए 4 फीसदी का लक्ष्य रखा है, जिससे ये 2 फीसदी ज्यादा है।