जुलाई में थोक महंगाई दर गिरकर हुई 0.58%, खाने-पीने की वस्तुएं हुईं महंगी
नई दिल्ली। कोरोना काल में थोक महंगाई की दर जुलाई में नकारात्मक 0.58 प्रतिशत रही और इस दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। वहीं अगर जून माह की थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति नकारात्मक 1.81 प्रतिशत थी, जबकि मई और अप्रैल में यह क्रमश: नकारात्मक 3.37 प्रतिशत और नकारात्मक 1.57 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा कि मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2020 में नकारात्मक 0.58 (अनंतिम) प्रतिशत रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.17 प्रतिशत थी।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई के दौरान 4.08 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा जून में 2.04 प्रतिशत था। हालांकि, जुलाई में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति घटकर 9.84 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछले महीने में 13.60 प्रतिशत थी।
विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति जुलाई में 0.51 प्रतिशत थी, जो जून में 0.08 प्रतिशत थी। आरबीआई ने पिछले सप्ताह अपनी नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखते हुए कहा था कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि अक्टूबर-मार्च की अवधि में खुदरा मुद्रास्फीति कुछ नरम पड़ेगी।