कोरोना : उच्च शिक्षा में बढ़ा ऑनलाइन क्लास का क्रेज, हिप्र के राज्यपाल की कुलपतियों के साथ चर्चा

Update: 2020-04-08 09:24 GMT

नईदिल्ली।  वैश्विक महामारी के कोविद 19 के कारण प्रधानमंत्री द्वारा लागू किये गए लॉकडाउन के चलते लोग घरों में ही रह रहे है। वायरस से बचने के लिए लोगों के घरो पर रहने से वर्क फ्रॉम होम एवं ऑनलाइन क्लासेज का कल्चर इन दिनों देश में तेजी से बढ़ा है।  

देश भर के निजी विश्विद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के कल्चर को प्रयोग के रूप में शुरू किया गया था।  लेकिन समय के साथ एक दम से प्रचलि हुए इस कलचर ने छात्रों, शिक्षकों के साथ -साथ अभिभावकों को भी बेहद प्रभावित किया है।  

सेमेस्टर अवधि बढ़ने का विद्यार्थियों में बढ़ा डर- 

बता दें की विश्विद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) के दिशा निर्देशानुसार सभी सभी विश्विद्यालयों कों सभी कोर्सेज में कक्षाओं की परीक्षा सेमेस्टर पैटर्न से  कराना अनिवार्य है। देश में 21 दिन का लॉकडाउन होने के कारण विद्यार्थियों को सेमेस्टर की अवधि आगे बढ़ने का खतरा बना हुआ है। 


 



प्रयोग के तौर पर निजी विश्विद्यालयों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू की - 

इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित निजी विश्विद्यालय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्विद्यालय सहित देश के अन्य निजी विश्विद्यालयों ने लॉकडाउन के दौरान शिक्षण कार्य को जारी रखने के लिए अपने यहां ऑनलाइन क्लासेज शुरू की है।  प्रयोग के रूप में निजी विश्विद्यालयों द्वारा शुरू की गई इस पहल के लोकप्रिय एवं सफल होने के बाद यूजीसी ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने वाले सभी विश्विद्यालयों की सराहना की है।  

यूजीसी ने ऑनलाइन क्लासेज के लिए जारी किये दिशानिर्देश -

निजी विश्विदयालयों की इस पहल की सराहना करते हुए यूजीसी ( विश्विद्यालय अनुदान आयोग ) ने ऑनलाइन क्लासेज को लेकर देश के सभी सरकारी एवं निजी विश्विद्यालयों  के लिए दिशानिर्देश जारी किये है।  दिशानिर्देश अनुसार हरियाणा, हिमाचल एवं  मध्यप्रदेश के सभी विश्विद्यालयों के कुलपतियों ने अपने शैक्षणिक कर्मचारी- अधिकारीयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक की।  कुलपतियों ने सभी प्रोफेसर्स को अपने घरों से ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए कहा है।  

ऑनलाइन क्लासेस से बढ़ेगी पारदर्शिता - 

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तारे ने विश्विद्यालय द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन क्लासेस की प्रशंसा करते हुए कहा की यह आउटकम बेस्ड एजुकेशन को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा और विशेष रूप से तकनिकी शिक्षा प्रदान कर रहें निजी विश्विद्यालयों  की शैक्षणिक गुणवत्ता को आसानी से परखा जा सकेगा।  

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