सलमान खान-सतीश कौशिक के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज, 'कागज' फिल्म को लेकर विवाद

निजामाबाद तहसील के खलीलाबाद गांव निवासी लालबिहारी को अभिलेखों में मृत घोषित करा सारी सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया था।

Update: 2021-03-17 14:21 GMT

आजमगढ़/रण विजय सिंह. जिंदा मृतक की कहानी पर बनी फिल्म 'कागज' पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म के रिलीज के पहले से ही लालबिहारी मृतक निर्माता व निर्देशक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते रहे हैं। अब फिल्म रिलीज हो चुकी है तो उन्होंने फिल्म के कुछ सीन पर नाराजगी जताते हुए फिल्म निर्माता सलमान खान और निर्देशक सतीश कौशिक के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। इसमें निर्माता और निर्देशक पर अछूत शब्द का प्रयोग कर दलितों को अपमानित करने तथा न्यायालय व अन्य सरकारी संस्थाओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगवाकर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है।

1976 में हुए थे मृत घोषित, बनी फिल्म

बता दें कि निजामाबाद तहसील क्षेत्र के खलीलाबाद गांव निवासी लालबिहारी को चचेरे भाई व पट्टीदारों ने 30 जुलाई 1976 को अभिलेखों में मृत घोषित कराकर सारी सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद लालबिहारी ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। इसके बाद उन्हें 30 जून 1994 को अभिलेखों जिंदा किया गया। वर्ष 2003 में सतीश कौशिक पटकथा लेखक इम्तियाज हुसैन के साथ आजमगढ़ आये और लाल बिहारी से मिलकर उनके जीवन पर फिल्म बनाने की बात कही। यह फिल्म लंबे समय तक लटकी रही। वर्ष 2020 में फिल्म की शूटिंग हुई और जनवरी 2021 में फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई।

एग्रीमेंट में किया धोखा

लाल बिहारी मृतक का आरोप है कि फिल्म निर्माता व निर्देशक ने उनके साथ एग्रीमेंट में धोखा किया. यही नहीं, वे वास्तव में मजदूर बुनकर हैं लेकिन कहानी में उन्हें बैंडबाजा वाला बना दिया गया। यहीं नहीं फिल्म में अछूत शब्द का का प्रयोग कर दलितों को अपमानित किया गया। इसके अलावा शव यात्रा की सीन में न्यायालय, सरकारी संस्थाओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. यह न्यायालय की अवमानना है। उन्होंने बताया कि उनका करार सतीश कौशिक से हुआ था लेकिन फिल्म के निर्माता फिल्म स्टार सलमान खान हैं। सतीश कौशिक ने निर्देशन किया है. दलितों को अपमानित करने, कोर्ट की अवमानना करने व धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है।

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