Mental Health: अचानक से क्यों बढ़ रहा युवाओं में मेन्टल हेल्थ का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव
Mental Health: बीजी लाइफस्टाइल में युवा अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे वह अवसाद के शिकार हो रहे हैं।
Mental Health: भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति खुद के लिए समय नहीं निकालत पाता। काम के बोझ या पारिवारिक समस्याओं में उल्झा रहता है और मेंटर हेल्थ का शिकार हो जाता है। इसके अलावा कई लोग अधिक कार्य करके खुद को सीमित दायरे में बांध लेते हैं और यही आदत उन्हें अवसाद की ओर ले जाती है। अच्छी लाइफस्टाइल, मेल्टीटेलेंटीड होने के साथ करियर पर अधिक फोकस करते हैं जिससे वह अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। बदलते दौर में युवा मल्टीटेंलेंटीड बनना चाहते हैं जिससे वह हमेशा कुछ न कुछ करते या सोचते रहते हैं। लगातार विचारों का आदान प्रदान होने से कई बार नकारात्मकता आने लगता है।
क्या है मानसिक विकार
क्रोध चिड़चिड़ापन- जब व्यक्ति मानसिक तौर पर बीमार होने लगता है तो उसमें चिड़चिड़ापन व क्रोध हावी होने लगता है जिससे बातचीत की शैली भी बदल जाती है। हर बात में स्ट्रेस लेने लगता है और जल्दी गुस्सा करता है। यही कारण है कि अधिक क्रोधित होने वाले व्यक्ति को वीपी हाई होने जैसी संबंधित बीमारियां घेर लेती हैं।
अपराध बोध की भावना मन में उठना- मानसिक रुप से कमजोर व्यक्ति की आदतों में बदलाव होता है। वह आक्रामक व अपराधी स्वभाव का हो जाता है। उसके मन में इस प्रकार की भावनाएं जन्म ले लेती हैं।
रिश्तों व दोस्तों से दूरी बनाना- हमेशा स्ट्रेस में रहने से वह किसी के बीच रहना पसंद नहीं करता। रिश्तों व दोस्तों से दूरी बना लेता है और अकेलेपन में समय गुजारना पसंद करता है।
काम को टालना- व्यक्ति कार्य को करना चाहता है लेकिन उसका मन उल्झा रहता है जिससे कि वह काम को टालता है। काम टालने की आदत उसके मन में घर कर जाती है और वह काम करने का इच्छुक नहीं रहता।
निर्णय न ले पाना- निर्णय लेने की क्षमता कम होने लगती है जिससे वह किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाता है। एक ही बात को कई बार, कई तरह से सोचता है और अपने निर्णयों को बदलता रहता है।
याददाशत का कमजोर होना- लगातार अवसाद के घेरे में रहने से मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है। नकारात्मक विचारों का आदान प्रदान लगातार चलने के कारण मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। रक्त का संचार कम होने लगता है और मस्तिष्क की नसें कमजोर हो जाती हैं जिससे व्यक्ति भूलने की बीमारी हो जाती है।
बचाव-
मानसिक रुप से अस्वस्थ व्यक्ति को मनोचिकित्सक की सहायता देकर ठीक किया जा सकता है। यह आपके विचारों, भावनाओं को समझते हैं और आपके मानसिक स्तर को बदलने में मदद करते हैं। व्यायाम की मदद ले सकते हैं। व्यक्ति के दैनिक कार्यों में व्यायाम शामिल होना आवश्यक है लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ ही लोग व्यायाम करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करना चाहिए जिससे कि शरीर के रक्तचाप से मानसिक स्तर में सुधार लाया जा सकता है।