सर्दी शुरू होते ही बढ़ गए ब्रेन स्ट्रोक के केस, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
ब्रेन स्ट्रोक होने के दौरान पहला घंटा ही गोल्डन पीरियड माना जाता है, तापमान का सीधा असर शरीर की कार्यप्रणाली पर पड़ता
वेबडेस्क। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही लोगों का बीमार होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।सर्दी के कारण जुकाम, बुखार के साथ ही अन्य रोगों से ग्रस्त लोगों की समस्याएं भी बढ़ गई है। खासकर ह्दय रोगी, अस्थमा, सांस, साइनस के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग सर्दी लगने से जल्दी बीमारी हो रहे हैं। बुजुर्गों के साथ ही जवानों में भी जोड़ों का दर्द बढ़ रहा है। वहीँ ठंड में खून जमने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या एक दम तेजी से बढ़ी है।
इसे लेकर डॉक्टर्स का कहना है की सर्दी के मौसम में सेहत को लेकर बेहद सावधान रहने की जरुरत है। सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगते हैं। समय से इलाज ना मिलने पर मरीजों की जान जा सकती है। समय पर इलाज मिलने पर मरीजों की जान बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कीब्रेन स्ट्रोक होने के दौरान पहला घंटा ही गोल्डन पीरियड माना जाता है। इसमें तापमान का सीधा असर शरीर की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। तापमान गिरने पर शरीर के अंग प्रभावित होते हैं। नसों में सिकुड़न हो जाती है। इससे मस्तिश्क में रक्त प्रवाह धीमा पड़ने लगता है। ऐसे में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार -
सिस्मिक स्ट्रोक
- इसमें दिमाग की नसों में रक्त प्रवाह किसी अवरोध के कारण रुक जाता है। दिमाग की नली में खून का थक्का जम जाने से भी ब्रेन हेमरेज हो जाता है।
हेमरेजिक स्ट्रोक
- इस स्ट्रोक में दिमाग की नस से रक्त स्राव होने लगता है। इसमें मरीज को लकवा मार जाता है। दोनों ही स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता पहुंचानी चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- शरीर के एक हिस्से, चेहरे, हाथ, पैर में सुन्नपन होना।
- कमजोरी महसूस होना, भ्रम की स्थिति में होना।
- बोलने या समझने में मुश्किल, अस्पष्ट बोलना।
- एक या दोनों आंखों से साफ न दिखना।
- सिर में तेज दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना।
यह उपाय अपनाएं -
- शराब, सिगरेट का सेवन न करें, तनाव से दूर रहें।
- नियमित व्यायाम व प्राणायाम करें।
- वजन नियंत्रित करें।
- सिर दर्द वाले मरीज सिटी स्कैन व एमआरआई कराएं।