मन की बात : प्रधानमंत्री ने चंद्रयान की सफलता पर सुनाई कविता, आसमान में सिर उठाकर...
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चंद्रयान-3 की सफलता देश की सामूहिक सफलता है और यह सफलता देश को सबके प्रयास से मिली है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' की 104वीं कड़ी में कहा कि चंद्रयान तीन की सफलता ने देश का गौरव बढ़ाया है और इस इस सफलता ने उत्सव को कई गुना बढ़ा दिया है इसलिए अभियान की सफलता की जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है।
उन्होंने कहा , “मिशन चंद्रयान-3 नए भारत की पहचान बना है। हम चंद्रमा पर इसलिए पहुंच पाए, क्योंकि आज हमारे सपने बड़े हैं और हमारे प्रयास भी बड़े हैं। चंद्रयान-3 की सफलता में हमारे वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे क्षेत्रो की भी अहम भूमिका रही है।”
मोदी ने शायराना अंदाज़ में कहा , “ तेईस अगस्त को भारत ने और भारत के चंद्रयान अभियान ने साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। मिशन चंद्रयान, नए भारत की उस स्प्रिट का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और हर हाल में जीतना जानता भी है। भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है। इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। उन्होंने अलग-अलग सिस्टम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्टर मैनेजर ऐसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपनी एक कविता भी सुनाई। उन्होंने कहा , “जब आज आपसे बात कर रहा हूँ तो एक पुरानी मेरी कविता की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं..”
- आसमान में सिर उठाकर
- घने बादलों को चीरकर
- रोशनी का संकल्प ले
- अभी तो सूरज उगा है।
- दृढ़ निश्चय के साथ चलकर
- हर मुश्किल को पार कर
- घोर अंधेरे को मिटाने
- अभी तो सूरज उगा है।
- आसमान में सिर उठाकर
- घने बादलों को चीरकर
- अभी तो सूरज उगा है।