10 भारतीय सैनिकों की रिहाई के बाद चीन ने दी सफाई, हमने किसी भी जवान को नहीं पकड़ा

Update: 2020-06-19 12:00 GMT

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने कहा है कि उसने किसी भी भारतीय सैनिक को नहीं पकड़ा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने चीन-भारत सीमा स्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही है। मीडिया से बात करते हुए झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने किसी भी भारतीय कर्मी को नहीं पकड़ा। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं।

भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार और नई दिल्ली में डंपिंग रोधी जांच शुरू करने किए जाने की संभावना को लेकर पूछे गए एक सवाल के झाओ ने कहा कि चीन अपने द्विपक्षीय संबंधों को महत्व देता है। आशा है कि भारत द्विपक्षीय संबंधों को दीर्घकालिक बनाए रखने के लिए चीन के साथ काम करेगा। झाओ ने कहा कि मैं गलवान घाटी में गंभीर स्थिति के बारे में इस बात को दोहराना पसंद करता हूं कि सही और गलत बहुत स्पष्ट है।

बता दें कि चीन की ओर से यह बयान तब आया है जब ऐसी खबर आई है कि गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने दस भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया है। भारत-चीन के बीच झड़प के बाद पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए जारी मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद सैनिक रिहा किए गए हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जिन दस सैनिकों की रिहाई हुई है, उनमें कम से कम दो अधिकारी शामिल हैं। ये सभी गुरुवार शाम को भारतीय सीमा में वापस आ गए।

हालांकि, सैनिकों की रिहाई पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि हिंसक घटना के बाद कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है।

गलवान घाटी में मंगलवार से लेकर गुरुवार तक के बीच में दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की तीन राउंड की बातचीत के बाद दस सैनिको को चीन ने भारत को वापस भेजा है। कारू स्थित मुख्यालय 3 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट और उनके चीनी समकक्ष ने गुरुवार को तीसरी बार मुलाकात की थी।

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