मानागुआ। चीन ने 1990 के बाद निकारागुआ में शुक्रवार को पहली बार अपना दूतावास खोला है। चीन ने यह कदम निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ऑर्टेगा की सरकार के ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद उठाया गया है।
विदेश मंत्री डेनिस मोनकाडा ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक प्रकार की वैचारिक आत्मीयता है। साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीन सिनोफार्म की दस लाख डोज देने के लिए चीन को धन्यवाद दिया। ऑर्टेगा की सरकार ने चीन के साथ 1985 में संबंध स्थापित किए थे लेकिन साल 1990 में चुनाव हार जाने के बाद देश के नए राष्ट्रपति विलेटा कामारो की सरकार ने ताइवान को मान्यता दे दी।
निकारागुआ की सरकार ने ताइवान के साथ 9 दिसंबर को सबंध खत्म कर लिये थे और पिछले हफ्ते ताइवान के दूतावास कार्यालय को यह कह कर बंद कर दिया था कि वह चीन के हैं। हालांकि चीन का दूतावास दूसरे स्थान पर है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ऑर्टेगा के शासन की अवैध कार्रवाइयों की निंदा करते हुए कहा कि निकारागुआ सरकार ने ताइवान के राजनयिकों को देश से बाहर जाने के लिए केवल दो सप्ताह की मोहलत देकर मानक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है।