नई दिल्ली। दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में इस वायरस से 70,000 लोगों की मौत संभव है। उन्होंने कहा कि वास्तव में ये आंकड़ा इससे थोड़ा ज्यादा हो सकता है। वे नवंबर में होने जा रहा चुनावों में खुद को पुन: चुने जाने के कारणों पर भाषण दे रहे थे। ट्रंप ने इससे पहले इस माह कोरोना से 60,000 लोगों के मारे जाने की बात कही थी। ट्रंप से व्हाइट हाउस में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि 6 सप्ताह में वियतनाम के युद्ध जितनी तादाद लोगों की मौत के बाद उन्हें पुन: राष्ट्रपति चुना जाना कैसे सही है। बता दें कि वियतनाम के युद्ध में 58,000 लोगों की मौत हुई थी। जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका में कोरोना से अब तक 55,000 लोगों की मौत हुई है।
ट्रंप ने कहा कि अगर आप देखें कि मूल अनुमान क्या थे - 2.2 मिलियन - हम शायद 60,000-70,000 तक जा रहे हैं। यह बहुत बेहतर है। और मुझे लगता है कि हमने बहुत अच्छे निर्णय लिए हैं। सीमाओं को बंद करना या प्रतिबंधित करना बड़ा फैसला था। ट्रम्प ने कहा "मुझे लगता है कि हमने बहुत अच्छा काम किया है। मैं यह कहूंगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संबंध में चीन के खिलाफ 'बेहद गंभीरता से जांच कर रहा है। ट्रंप ने इस कथन से संकेत दिया है कि अमेरिकी प्रशासन बीजिंग से जर्मनी द्वारा मुआवजे के रूप में मांगे गए 140 अरब डॉलर से कहीं बड़े मुआवजे के बारे में सोच रहे हैं।
चीन में पिछले साल मध्य नवंबर में उभरे इस घातक वायरस से पूरी दुनिया में दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और तीस लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इनमें से बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक हैं। अमेरिका में अभी तक इस वायरस की वजह से 55,000 लोगों की मौत हो चुकी है और दस लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेता लगातार कह रहे हैं कि अगर चीन शुरुआती चरण में इस वायरस के संबंध में जानकारी देने में पारदर्शिता रखता तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत नहीं होती और वैश्विक अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा नुकसान नहीं पहुंचता। कई देश चीन से मुआवजे वसूलने की बात करना शुरू कर चुके हैं।