नेपाली संसद भंग मामले में दायर याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई शुरू

Update: 2020-12-23 12:48 GMT

काठमांडू। नेपाल में संसद के निचले सदन 'प्रतिनिधि सभा' भंग करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर 12 याचिकाओं में से 11 की सुनवाई चीफ जस्टिस कलेंद्र शमशेर जेबी राणा की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज से शुरू की। जबकि बाकी एक याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी।

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ 12 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने विभिन्न संवैधानिक निकायों में हुई नियुक्तियों को रद्द करने की भी मांग की है।

उल्लेखनीय है कि ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आश्चर्यचकित करते हुए रविवार को राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश कर दी थी और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच सत्ता के लिए लंबे समय से संघर्ष चल रहा था। केपी शर्मा ओली 2017 के आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बने थे। तब, ओली के नेतृत्व वाले एनसीपी-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी-एमसी के विलय से एनसीपी अस्तित्व में आई थी।


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