नईदिल्ली। खाड़ी देशों की यात्रा पर गए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। यहां उन्हें सेना मुख्यालय पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने यूएई में शहीदों के स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि दी करके श्रद्धांजलि दी। जनरल नरवणे की यह यात्रा इस मायने में ऐतिहासिक है कि पहली बार कोई भारतीय सैन्य प्रमुख यूएई और सऊदी अरब के दौरे पर गया है। सेना प्रमुख की इस यात्रा का मकसद खाड़ी क्षेत्र के दोनों प्रभावशाली देशों के साथ रक्षा व सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाना है, इसीलिए इनकी इस यात्रा से सबसे ज्यादा पाकिस्तान परेशान दिख रहा है।
सेना प्रमुख जनरल नरवणे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के दौरे पर 09 दिसम्बर को रवाना हुए थे। सेना प्रमुख अपनी यात्रा के पहले पड़ाव में यूएई पहुंचे, जहां सेना मुख्यालय में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने यूएई में शहीदों के स्मारक पर गये और उन्हें श्रद्धांजलि व्यक्त की। उन्होंने अपने समकक्षों और यूएई के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करके रक्षा व सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की। गुरुवार को सेना प्रमुख संयुक्त अरब अमीरात के भूमि सेना संस्थान के इन्फैंट्री स्कूल गए। 2017 में भारत ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की यात्रा के अवसर पर यूएई को ब्रह्मोस मिसाइल देने की पेशकश की गई। तीन साल में कई वार्ताएं हो चुकी हैं, इसलिए सेना प्रमुख से यात्रा के दौरान इस मामले पर भी चर्चा हो सकती है।
पीएम ने किया जीसीसी देशों का दौरा -
भारतीय थल सेना अध्यक्ष ऐसे समय में खाड़ी देशों की यात्रा पर गए है।जब पाकिस्तान के साथ संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के सम्बन्ध बिगड़ रहे हैं तो भारत की मोदी सरकार ने ओमान, बहरीन और कुवैत के साथ-साथ खाड़ी सहयोग परिषद के सभी सदस्यों को सक्रिय रूप से लुभाया है। 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी आठ बार जीसीसी देशों का दौरा कर चुके हैं, जिसमें तीन बार यूएई और दो बार सऊदी अरब शामिल है। मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया गया है। पिछले साल अक्टूबर में मोदी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना की गई थी।