इमरान खान का सेना ने छोड़ा साथ, ओआईसी की बैठक के बाद इस्तीफा देने की अटकलें
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सरकार और विपक्ष के बीच जारी रस्साकशी के चलते देश राजनीतिक अस्थिरता के मोड़ तक पहुंच गया है। विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव के चलते इमरान खान की कुर्सी पर संकट बढ़ गया है। वहीं सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने कथित तौर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।
पाकिस्तान मीडिया में कयासबाजी का दौर तेज हो गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान को सत्ता से बाहर करने का फैसला जनरल बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों की बैठक में फैसला लिया गया। बैठक में इमरान खान किसी भी तरह की रियायत नहीं देने का फैसला किया था। यह बैठक जनरल बाजवा और देश के खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के इमरान खान से मिलने के बाद हुई।
सेना ने छोड़ा साथ -
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी यानी पीटीआई को उम्मीद थी कि इमरान खान की गुजारिश पर पूर्व सेना प्रमुख राहील शरीफ की बाजवा से मुलाकात से समाधान निकलेगा जिससे सरकार बच जाएगी लेकिन राहील शरीफ अपने मिशन में विफल रहे। यही नहीं इमरान खुद सेना की शरण में पहुंचे थे। सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बीच इमरान खान ने शुक्रवार को सेना प्रमुख बाजवा से मुलाकात की थी।
ओआईसी शिखर सम्मेलन -
इस बैठक में देश के मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस बैठक में ओआईसी शिखर सम्मेलन बलूचिस्तान में जारी अशांति और इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मंथन हुआ।रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक के पीछे सरकार बचाने की कोशिश ज्यादा थी। बता दें कि 11 मार्च को इमरान खान और सेना के बीच दरार सामने आई थी। इमरान ने तब विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की आर्मी चीफ जनरल बाजवा की सलाह को खारिज कर दिया था।
25 मार्च को असेंबली का विशेष सत्र -
इमरान खान की सियासी परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। स्पीकर असद कैसर ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है। विपक्ष इस मौके को हाथ ने नहीं जानें देना चाहता है इसलिए विपक्षी दलों की ओर से सांसदों को इस्लामाबाद में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। विपक्ष ने आठ मार्च को पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 21 मार्च को मतदान कराने की मांग की थी।
ओआईसी सम्मेलन को लेकर चेतावनी -
गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) के 48वें सत्र का आयोजन 22 व 23 मार्च को संसद भवन में होगा इसलिए सत्र बुलाने में देरी हुई। दावा है कि सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। शेख राशिद ने कहा कि विपक्ष सम्मेलन में बाधा डालने की कतई कोशिश न करे। इससे पहले विपक्षी दलों ने चेताया था कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराया गया, तो वे ओआइसी सम्मेलन के दौरान संसद में धरना देंगे।