इस्लामाबाद। भारत के विरोध के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आया और उसने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने गिलगित-बाल्टिस्तान में विधानसभा चुनाव में 23 में से 10 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बन गई है। हालांकि, विपक्षी दलों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव आयोजित करने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि सैन्य कब्जे वाले इस क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिए उठाए गए कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है।
आतंकवादी खतरे के बीच कड़ी सुरक्षा में रविवार को विधानसभा की 23 सीटों के लिए मतदान हुआ था। गिलगित-बाल्टिस्तान में तीसरी बार विधानसभा के लिए चुनाव कराया गया है। एक सीट पर एक प्रत्याशी की मौत के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया। विभिन्न मीडिया समूहों की ओर से जारी अनधिकृत परिणामों में यह बताया गया है कि कम से कम 10 सीटों पर जीत हासिल की है, लेकिन अब भी सरकार के गठन के लिए इमरान खान की पार्टी बहुमत से पीछे है। हालांकि वह सरकार बनाने की स्थिति में है क्योंकि यहां से 6-7 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है।
डॉन की खबर के मुताबिक, 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि सात सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। वहीं बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को तीन, नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को दो सीटों पर और मजलिस वहदतुल मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम) को एक सीट पर जीत हासिल हुई है।
आधिकारिक नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं और चुनाव अधिकारियों को अंतिम परिणाम घोषित करने में कुछ समय लग सकता है। दोनों विपक्षी दलों पीपीपी तथा पीएमएल-एन ने सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई द्वारा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अनाधिकारिक परिणामों पर टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली की गई। बिलावल ने कथित 'धांधली' के खिलाफ गिलगित के डीसी चौक में विरोध प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''हमारे उम्मीदवारों को पीपीपी छोड़ने और पीटीआई में शामिल होने को कहा गया।
पीएमएल-एन के महासचिव अहसन इकबाल ने कहा, 'लोगों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं।' चुनाव अधिकारियों ने बताया कि चार महिलाओं समेत कुल 330 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। चुनाव में किसी की भी जीत हो लेकिन ऐसी संभावना है कि नई सरकार के गठन के बाद इस क्षेत्र के दर्जे में बदलाव की घोषणा की जाएगी।
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने इस्लामाबाद को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने और क्षेत्र में आम चुनाव आयोजित करने की अनुमति दी थी। साल 2018 के आदेश के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान में प्रशासनिक बदलाव मुहैया कराया गया था और इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यहां के विषयों में नियम बनाने को अधिकृत किया गया।
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए नई दिल्ली में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को आपत्तिपत्र जारी किया था। भारत ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बताया था कि गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्रों समेत केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं।