चीन को परेशान कर रही भारत-US की दोस्ती

Update: 2020-06-06 13:17 GMT

बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में महीनेभर से जारी सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन की सेनाओं में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हो रही है। इस बैठक के बीच चीन ने भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती को लेकर बौखलाहट जाहिर करते हुए गीदड़भभकी दी है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन क्षेत्र की एक इंच भी जमीन को नहीं छोड़ेगा। हालांकि, चीन अपने पड़ोसी देश भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है। वहीं, भारत को भी अमेरिका द्वारा बेवकूफ नहीं बनना चाहिए।

'ग्लोबल टाइम्स' के शुक्रवार को प्रकाशित हुए संपादकीय में लिखा गया, 'चीन भारत के लिए बुरा नहीं चाहता है। पिछले दशकों में अच्छे-पड़ोसी संबंध चीन की मूल राष्ट्रीय नीति रही है, और चीन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का दृढ़ता से पालन करता रहा है। भारत को अपना दुश्मन बनाने का हमारे पास कोई कारण नहीं है।'

अखबार ने आगे लिखा, 'लेकिन चीन किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ेगा। चीन मजबूत प्रतिवाद करने के लिए बाध्य है। हमारा मानना है कि भारत अच्छी तरह से जानता है कि सीमा विवाद में किसी भी चीन-भारत सैन्य अभियान में नुकसान चीन को नहीं होगा।'

वहीं, सरकारी अखबार ने आगे कहा कि अगर दोनों देशों को सीमा के मुद्दे पर तनातनी का सामना करना पड़ता है, तो पूरे हिमालयी क्षेत्र और भारतीय उपमहाद्वीप में अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा। कोई बाहरी ताकत इसे बदल नहीं सकती। सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और मैत्रीपूर्ण सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। दोनों देश एक दूसरी की कई मौकों पर प्रशंसा करते रहे हैं। हालांकि, यह दोस्ती अब चीन को चुभने लगी है। चीन ने संपादकीय में लिखा है कि भारत को अमेरिका से बेवकूफ नहीं बनना चाहिए। अमेरिका सिर्फ अपने हित साधने की कोशिश कर रहा है।

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